4 C
Munich
Friday, November 8, 2024

क्‍या ब्रेस्‍ट कैंसर की हर मरीज की हटानी पड़ती है ब्रेस्‍ट? डॉ. ने बताया क्‍या है री-कंस्‍ट्रक्‍शन और इसका खर्च

Must read


Breast reconstruction after breast cancer: ब्रेस्‍ट या स्‍तन के बिना महिलाओं का शरीर अधूरा है. अपने बच्‍चे को ब्रेस्‍ट फीडिंग कराने के सुख से लेकर खूबसूरती तक में ब्रेस्‍ट का अहम रोल है, लेकिन आजकल भारत की महिलाएं सबसे ज्‍यादा इसी से जुड़ी बीमारी ब्रेस्‍ट कैंसर से जूझ रही हैं. ब्रेस्‍ट कैंसर को लेकर तमाम तरह के डर लोगों के मन में होते हैं, इन्‍हीं में से एक है कि स्‍तन कैंसर होने के बाद ब्रेस्‍ट काटकर निकाल दी जाती है. इससे शरीर बेडौल हो जाता है. यह भी एक वजह है कि बहुत सारी महिलाएं बीमारी के लक्षण मालूम चलने के बाद भी ब्रेस्‍ट खोने के डर से चीजों को तब तक छुपाए रखती हैं जब तक कि परेशानी असहनीय न हो जाए. हालांकि आज हम आपको ऐसे तमाम सवालों के जवाब हेल्‍थ एक्‍सपर्ट के माध्‍यम से यहां दे रहे हैं…

आजकल ब्रेस्‍ट कैंसर को लेकर ऐसा इलाज मौजूद है कि इसकी चौथी स्‍टेज से भी जूझ रहे मरीज को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है. लेकिन सवाल है कि क्‍या सच में ब्रेस्‍ट कैंसर के बाद ब्रेस्‍ट काटकर निकाल दी जाती है? क्‍या फिर से ब्रेस्‍ट उग आती है? या आर्टिफिशियल या नकली ब्रेस्‍ट लगाई जाती है? ये इलाज कितना महंगा होता है? आइए दिल्‍ली के इंद्रप्रस्‍थ अपोलो अस्‍पताल में सैकड़ों ब्रेस्‍ट कैंसर के मरीजों की कॉस्‍मेटिक सर्जरी कर चुके कॉस्‍मेटिक सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह से जानते हैं सभी सवालों के जवाब?

ये भी पढ़ें 

Breast Cancer se Jung: ब्रेस्‍ट कैंसर की होती हैं 4 स्‍टेज, किस स्‍टेज तक बचना संभव? एम्‍स के एक्‍सपर्ट ने बताया

सवाल- क्‍या ब्रेस्‍ट कैंसर होने पर सभी मरीजों की ब्रेस्‍ट काटकर हटा दी जाती है?
जवाब- ब्रेस्‍ट कैंसर होने के बाद सर्जरी में हर मरीज के ब्रेस्‍ट का कुछ न कुछ हिस्‍सा हटाना पड़ता है. बीमारी के हिसाब से किसी का 20 परसेंटर किसी का 35 परसेंटर तो किसी का 100 परसेंट ब्रेस्‍ट भी निकालना पड़ता है.

सवाल- क्‍या मरीज खुद भी कैंसर फिर न हो इसलिए पूरा ब्रेस्‍ट हटवा सकता है?
जवाब-ऐसा कॉमन नहीं है. इसका फैसला वैज्ञानिक आधार पर डॉक्‍टर करते हैं. ऐसा नहीं करते कि मरीज को डर है तो एहतियात के तौर पर पूरा ब्रेस्‍ट हटा दें. आजकल इलाज बेहतर है और ब्रेस्‍ट के सिर्फ उतने ही हिस्‍से को काटकर अलग किया जाता है, जिसमें कैंसर सेल्‍स होते हैं. इसका निर्धारण एमआरआई, अल्‍ट्रासाउंड, पैट स्‍कैन आदि में ट्यूमर के साइज को देखकर, फिर एक सेंटीमीटर का मार्जिन लेकर किया जाता है. फिर इस हिस्‍से को पैथोलॉजी में भेजते हैं, जिसमें पूरी जांच की जाती है. चूंकि कैंसर की सेल्‍स, इस हिस्‍से से अलग दूर शरीर में कहीं और भी हो सकती हैं, ऐसे में ब्रेस्‍ट कैंसर के लिए सिर्फ सर्जरी इलाज नहीं है, बल्कि उन सेल्‍स को खत्‍म करने के लिए रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी दी जाती है.

ब्रेस्‍ट का पूरा हिस्‍सा निकालें, या कम हिस्‍सा निकालकर रेडिएशन दें, देखा गया है कि दोनों का सर्वाइवल रेट एक जैसा है. इसलिए ब्रेस्‍ट की कंजर्विंग को प्राथमिकता दी जाती है ताकि बीमारी ठीक करने के साथ-साथ मरीज की क्‍वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर की जा सके.

ये भी पढ़ें 

Breast Cancer Se Jung: सिर्फ ब्रेस्‍ट नहीं अंडरआर्म की गांठ भी ब्रेस्‍ट कैंसर का इशारा, महिलाएं खुद ऐसे करें जांच

सवाल- ब्रेस्‍ट निकालने के बाद क्‍या किया जाता है?
जवाब- मास्‍टेक्‍टमी या ब्रेस्‍ट निकालने के दौरान ही ब्रेस्‍ट कंजर्विंग की जाती है. यानि ब्रेस्‍ट का जो हिस्‍सा बचा होता है उसे संरक्षित करने के साथ ही जो हिस्‍सा खाली हो चुका होता है वहां ब्रेस्‍ट रीकंस्‍ट्रक्‍शन किया जाता है. यह ब्रेस्‍ट कैंसर सर्जरी के दौरान ही रीकंस्‍ट्रक्‍शन कर दिया जाता है, ताकि जब मरीज सोकर उठता है तो उसे उसका ब्रेस्‍ट पूरा पहले की तरह मिलता है.

सवाल- ब्रेस्‍ट रीकंस्‍ट्रक्‍शन कैसे होता है?
जवाब- ब्रेस्‍ट रीकंस्‍ट्रक्‍शन कई तरीके से होता है. अगर ब्रेस्‍ट में से 25 फीसदी तक टिश्‍यूज निकालते हैं तो बचे हुए ब्रेस्‍ट टिश्‍यू को राउंड शेप में इंप्रूव करके उसे ही रीकंस्‍ट्रक्‍ट कर देते हैं. इसका साइज दूसरे वाले के मुकाबले थोड़ा छोटा होता है लेकिन इसका ज्‍यादा पता नहीं चल पाता. वहीं अगर अगर 50 परसेंट तक ब्रेस्‍ट का हिस्‍सा निकालते हैं तो फिर मरीज की कमर के पीछे वाले मसल से लेटडॉरसाइ मसल को लेते हैं और अंदर ही अंदर स्किन के लाकर ब्रेस्‍ट के गैप को भर देते हैं और मरीज के पीछे भी कोई गैप नहीं रहता, वहां त्‍वचा बंद हो जाती है.

अगर इससे भी ज्‍यादा टिश्‍यूज चाहिए होते हैं तो हम पीछे से स्किन लाकर उसके अंदर सिलिकॉन इंप्‍लांट डालते हैं और फिर उसे ब्रेस्‍ट का शेप देते हैं. ये आमतौर पर उनके लिए करते हैं जिन्‍हें रेडिएशन नहीं मिलता. कुछ लोगों के उनके खुद के टिश्‍यू से ब्रेस्‍ट बनाई जाती है. तो ऐसे मरीजों की पेट पर लटकी हुई चर्बी को आर्टरी और वेन के साथ उठाते हैं और उसे ब्रेस्‍ट की जगह पर आर्टरी और वेन से कनेक्‍ट करते हुए लगा देते हैं. इसको DIEP फ्लैप भी बोलते हैं.

सवाल- ब्रेस्‍ट रीकंस्‍ट्रक्‍शन का क्‍या फायदा होता है?
जवाब- इसका फायदा ये है कि इससे मरीज का जीवन सुधरता है और जब वह घर वापस जाती है तो वह नॉर्मल महसूस करती है. सामान्‍य लोगों की तरह दिखती है और कपड़े पहनती है. उसका कॉन्फिडेंस बरकरार रहता है. जिंदगी के प्रति पॉजिटिविटी आती है.

सवाल- ब्रेस्‍ट रीकंस्‍ट्रक्‍शन में क्‍या खर्च आता है?
जवाब- ब्रेस्‍ट रीकंस्‍ट्रक्‍शन का खर्च वैसे तो आजकल सभी बीमा कंपनियां ब्रेस्‍ट कैंसर के इलाज के साथ ही उठाती हैं, क्‍योंकि यह कोई कॉस्‍मेटिक सर्जरी नहीं है, बीमारी के बाद की सर्जरी है. लेकिन फिर भी इसमें 2 लाख से 10 लाख रुपये तक का खर्च आता है. सबसे ज्‍यादा खर्च चर्बी लेकर ब्रेस्‍ट रीकंस्‍ट्रक्ट करके उसे आर्टरी-वेन से कनेक्‍ट करने में आता है.

सवाल- क्‍या दोबारा बनी हुई ब्रेस्‍ट में सेंसेशन रहती है?
जवाब- अगर पूरी ब्रेस्‍ट निकाल दी जाती है तो सेंसेशन नहीं रहती लेकिन अगर कुछ हिस्‍सा निकलता है तो जो हिस्‍सा बचा होता है उसमें सेंसेशन रहती है. हालांकि इसमें 6 महीने बाद निप्‍पल भी बनाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें 

9 साल की उम्र में ब्रेस्‍ट में गांठ, 5 साल में बन गया कैंसर….एम्‍स के डॉ. बोले इस उम्र के बाद महिलाएं जरूर करें जांच

Tags: Breast Cancer Se Jung, Health News, Trending news



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article