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Saturday, October 5, 2024

‘मेकर्स को पंजाबी नहीं, बंगाली से दिक्कत…’ जब एक्टर ने झेला रिजेक्शन, टॉप एक्ट्रेसेज भी फेर लेती थीं मुंह

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नई दिल्ली. मिथुन चक्रवर्ती ने 80 और 90 के दशक में एक से एक बेहतरीन फिल्में देकर इंडस्ट्री में अपना दबदबा कायम किया था. आज बॉलीवुड के ये डिस्को डांसर अपना जन्मदिन मना रहे हैं और इस मौके पर आज आपको इंडस्ट्री में उनके संघर्ष की कहानी बताने जा रहे हैं. मिथुन चक्रवर्ती ने साल 1976 में आर्ट फिल्म ‘मृग्या’ से बॉलीवुड डेब्यू किया था. उन्होंने अपनी डेब्यू फिल्म से दर्शकों और क्रिटिक्स पर गहरी छाप छोड़ी थी. उन्हें उनकी इस फिल्म के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिला था.

पहली ही फिल्म से नेशनल अवॉर्ड जीतने के बाद मिथुन ने खुदको साबित तो कर दिया था, लेकिन उन्हें इंडस्ट्री में काम मिलना आसान नहीं था. एक्टर ने साल 2010 में हेडलाइन्स टुडे को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे उन्हें उनके रंग और भाषा के चलते फिल्मों से रिजेक्ट कर दिया जाता था. मिथुन का मानना था कि उन्होंने और अमिताभ बच्चन ने इंडस्ट्री में ट्रेंड बदला था.

रंग के चलते झेला रिजेक्शन
एक्टर ने अपने इंटरव्यू में कहा था, ‘फिल्म इंडस्ट्री में बंगाली लहजे और साउथ इंडियन लहजे के बारे में बात करते हैं, लेकिन उन्हें पंजाबी लहजे वाले हीरो से कोई समस्या नहीं है. उस समय हीरो मतलब कोई गोरा चिट्टा इंसान होता था और यही मेरे लिए सबसे बड़ी समस्या थी. मुझे लगता था कि मैं सिर्फ विलेन बन सकता हूं. डांस करने वाला विलेन, लेकिन मैंने और अमिताभ बच्चन ने इंडस्ट्री का ये ट्रेंड बदला. अब ये मुझे सांवला बंगाली बाबू कहते हैं.’

जीनत अमान ने बदली किस्मत
मिथुन चक्रवर्ती के दबे हुए रंग के चलते उस दौर में इंडस्ट्री की कोई भी लीडिंग एक्ट्रेस उनके साथ काम नहीं करना चाहती थी. इस बीच डायरेक्टर बृज सदाना ने मिथुन चक्रवर्ती को लेकर फिल्म ‘तकदीर’ बनाने का फैसला किया और वह फिल्म का ऑफर लेकर जीनत अमान के पास गए और जीनत अमान वो पहली एक्ट्रेस थीं जिन्हें मिथुन दा गुड लुकिंग लगते थे. जीनत अमान एक्टर के लिए लकी साबित हुईं जिसके बाद बॉलीवुड की हर एक्ट्रेस ने उनके साथ काम करने की इच्छा जताई.

Tags: Bollywood actors, Entertainment Special, Mithun Chakraborty



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