प्रयागराज (Allahabad University Guidelines). ज्यादातर स्टूडेंट्स को मार्कशीट वेरिफाई करवाने में काफी परेशानी होती है. लेकिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के साथ अब ऐसा नहीं होगा. वह दुनिया के किसी भी कोने से अपनी मार्कशीट को वेरिफाई करवा सकेंगे. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने मार्कशीट वेरिफिकेशन के नए नियम बनाए हैं. इससे देश-विदेश में नौकरी करने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को मार्कशीट वेरिफाई करवाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.
आमतौर पर मार्कशीट वेरिफिकेशन के लिए स्टूडेंट्स व एक्स स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इससे समय और पैसे, दोनों की बर्बादी होती है. लेकिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की नई पहल से वह इस परेशानी से बच जाएंगे. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अब क्यूआर कोड के जरिए मार्कशीट का वेरिफिकेशन किया जाएगा. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कोर्सेस से संबंधित कुछ बदलाव भी किए गए हैं. जानिए उनके बारे में.
अब ऑनलाइन होगा वेरिफिकेशन
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स की मार्कशीट का वेरीफिकेशन ऑन द स्पॉट किया जाएगा. इस प्रक्रिया को अब ऑनलाइन मोड में पूरा किया जाएगा. इससे स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की तरफ से ऑनलाइन वेरिफिकेशन को अप्रूवल भी दिया जाएगा. इससे अन्य राज्यों या देशों के विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को काफी राहत मिलेगी. सभी मार्कशीट में एक क्यूआर कोड होगा. इसको दुनिया में कहीं से भी स्कैन करके मार्कशीट को वेरिफाई किया जा सकेगा.
अभी कैसे होता है वेरिफिकेशन
मौजूदा नियम के अनुसार, मार्कशीट को वेरिफिकेशन के लिए संबंधित इंस्टीट्यूशन से ओरिजिनल यूनिवर्सिटी को भेजा जाता है. यहां से वेरिफिकेशन रिपोर्ट भेजी जाती है. इस प्रक्रिया में काफी वक्त लग जाता है. मार्कशीट को डिजिटल प्रारूप देने से काफी फायदा मिलेगा. इस महत्वपूर्ण फैसले को बीते सोमवार यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में ग्रीन सिग्नल भी दे दिया गया. बता दें कि इस बैठक में और भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए.
बंद किए जाएंगे कुछ कोर्स
परीक्षा समिति की ओर से प्रस्तावित सुझावों को स्वीकार कर लिया गया है. यह निर्णय भी लिया गया कि कॉलेजों में चलने वाले जिन पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में आवंटित सीटों से आधे से कम प्रवेश होंगे,
वहां पर उन पाठ्यक्रमों को बंद कर दिया जाएगा. विभिन्न पाठ्यक्रमों के समीक्षित एवं संशोधित पाठ्यक्रम को स्वीकार कर लिया गया है. बैठक में परिनियमों (STATUTES) को अपडेट करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत हो गया है. सामाजिक विज्ञान के लिए संयुक्त पीडीपी (प्री पीएचडी प्रोग्राम) पाठ्यक्रम को नए सत्र में लागू किए जाने पर सहमति बनी है.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 08:26 IST