सनन्दन उपाध्याय/बलिया: कहते हैं प्रसिद्धि में कभी उम्र बाधा और रुकावट नहीं बन सकती है. कामयाबी का सीधा संपर्क जोश, जुनून और उत्साह से होता है. आज हम एक ऐसे बच्चे की बात करेंगे, जिसने बचपन में अपनी काबिलियत से पिता के दिल को जीत लिया, तो आज 11 वर्ष के उम्र में हर किसी को अपने सुरों से दीवाना बना रहा है.
हम बात कर रहे हैं बलिया के बांसडीह निवासी अक्षत पांडेय की, जिसने कक्षा 6 में पढ़ाई करते हुए अपनी मधुर आवाज से हर किसी को आकर्षित और प्रभावित कर रहा है. बताते चलें कि यह बच्चे ने इतने कम उम्र में संगीत के तमाम विधाओं से परिपूर्ण हो चुका है. अब इस बच्चे को आईएएस बनने का जुनून सवार है.
बेटे के बिना नहीं लगा पापा का मन
कक्षा 6 में पढ़ने वाले अक्षत पांडेय ने बताया कि मेरी पढ़ाई लिखाई शुरू में गांव से ही हुई. मेरे पापा मुझसे दूर दिल्ली के गुड़गांव में एक छोटी निजी कंपनी में नौकरी करते थे. मेरे बिना पापा का मन नहीं लगता था. हर समय वो अपने साथ रखकर हमें पढ़ाने की बात करते थे. फिर पापा गांव से मुझे अपने साथ लेकर गए और मेरी पढ़ाई पापा के साथ ही दिल्ली में शुरू हुई.
पिता को भी है संगीत से लगाव
अक्षत पांडेय ने कहा कि मेरे पिता गोपाल जी पांडेय भी बहुत अच्छा गाते हैं. पिता भी साहित्य से बहुत लगाव रखते हैं. गाने और बजाने का शौक पापा को भी बचपन से रहा और मुझे इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के उद्देश्य से संगीत के क्षेत्र में उतार रहे हैं. अक्षत पांडेय ने बताया कि वह अभी तक संगीत काफी राग सीख चुका हूं.
आईएएस तो बनना है घबराना बिल्कुल नहीं…
मैं संगीत के साथ आईएएस बनने का सपना लेकर मेहनत कर रहा हूं. इसके लिए मुझे दिन-रात एक करना पड़े तो हार नहीं मानूंगा. मैं आईएएस (IAS) बनकर देश का सेवा करना चाहता हूं. भले ही असफलता मिले. लेकिन कोशिश करने वालों की हार नहीं होती है, इसी उद्देश्य से मुझे आगे बढ़ना है.
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FIRST PUBLISHED : May 3, 2024, 16:44 IST