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Saturday, January 11, 2025

हमें किन 7 जगहों पर मौन रहना चाहिए? प्रेमानंद महाराज ने कहा, यहां बोलने से 'करियर-लाइफ' दोनों को होगा नुकसान

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Keep Quiet Places According To Premanand Maharaj: किसी बात पर बोलना और कभी चुप रहना दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. इसलिए इंसान को कहां बोलना और कहां चुप रहना है ये उसके व्यक्तित्व के बारे में बताता है. यही नहीं, आपके बोलने का तरीका करियर और लाइफ दोनों के लिए भी मायने रखता है. ये भी सच है कि हमें अपनी बात को रखना जरूर चाहिए, लेकिन कुछ जगहों पर मौन रहने में ही भलाई है. असल में कई लोग गलत जगह भी बोलते हैं, जिसका प्रभाव उसके जीवन में देखने को मिलता है. जानेमाने धर्मगुरू और वृंदावन के प्रस‍िद्ध संत प्रेमानंद महाराज की मानें तो कुछ जगहों पर मौन रहना लाभकारी है. ऐसा नहीं करने वालों के करियर, लाइफ और पर्सनालिटी पर गलत प्रभाव पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि आखिर किन जगहों पर मौन रहने के लिए कहा गया है-

बाबा प्रेमानंद जी ने बताया कि इन 7 जगहों पर मौन रहना जरूरी

माला जाप: प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि माला करते समय मनुष्य को मौन रहना चाहिए. माला जाप पूरा होने के बाद ही बोलें, बीच में नहीं. दरअसल, बीच में बोलने से भक्त और भगवान के बीच का जुड़ाव टूटता है. ऐसा में जाप का लाभ नहीं मिलेगा.

भोजन के समय: किसी भी साधक को भोजन करते समय मौन रहना चाहिए. यदि कोई जरूरी बात करनी भी हो तो ध्यान रखें कि, उस वक्त मुंह में निवाला न हो. ऐसा करने से बिना किसी अवरोध के भोजन पेट तक पहुंचता है.

गुस्से के वक्त: अगर आपको बहुत गुस्सा आ रहा हो तो चुप रहने की कोशिश करें. ऐसे हालात में बहुत कम लोग खुद पर काबू कर पाते हैं. गुस्सा करियर, व्यक्तित्व और जिंदगी हर किसी के लिए नुकसानदेह है.

शौच के वक्त: शौचालय में भी मौन रहना चाहिए. आजकल बच्चे शौचालय में फोन लेकर जाते हैं जो कि गलत है. इसके अलावा, लघुशंका करते समय बात नहीं करनी चाहिए, जब तक आचमन न कर लें तब तक बिल्कुल भी नहीं.

रास्ते में चलते हुए: महाराज जी कहते हैं कि, किसी भी व्यक्ति को मार्ग में चलते हुए मौन यानी चुप रहना चाहिए. यदि फोन भी ​आए तो रास्ते में कहीं रुककर फिर बात करें. ऐसा करने से अनहोनी से बचाव होता है.

स्नान के समय: बाबा प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि स्नान करते समय भी मौन रहना चाहिए. हालांकि, आप चाहें तो इस दौरान राधा नाम का जाप कर सकते हैं.

यज्ञ के वक्त: किसी भी साधक को यज्ञ हवन के दौरान अनावश्यक बातें नहीं बोलना चाहिए. इसलिए मौन रहकर ​केवल भगवान में ध्यान लगाएं और मन ही मन प्रार्थना करें.

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Tags: Dharma Aastha, Health tips, Premanand Maharaj



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