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Wednesday, June 26, 2024

रोज वृक्षासन करने से मिलते हैं ये 6 कमाल के फायदे, मन और शरीर के लिए अद्भुत, जानें करने का सही तरीका

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International Yoga Day 2024: वृक्षासन को अंग्रेजी में ट्री पोज (Tree Pose) भी कहा जाता है. ये योग का एक जरूरी आसन है. यह आसन स्थिरता, संतुलन और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है. वृक्ष शब्द संस्कृत में पेड़ का अर्थ होता है और इस आसन को करने से हमारे शरीर का स्वरूप पेड़ के समान दिखता है. हर साल 21 जून को विश्व योगा डे मनाया जाता है. योग अब सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं रह गया है बल्कि इसका स्वरूप और ख्याति इतनी बढ़ चुकी है, ये विदेशों में सिखाया जाने लगा है. भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी योग के प्रति काफी झुकाव रहता है. नरेन्द्र मोदी यूट्यूब चैनल पर भी इसकी झलक देखने को मिलती है. पीएम के चैनल पर योग की एक पूरी सीरीज है, जिसमें लगभग सभी योग आसनों के बारे में बताया गया है. उन्हें में से एक सबसे जरूरी योग आसन की हम बात कर रहे हैं वृक्षासन की.

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वृक्षासन के कई शारीरिक और मानसिक लाभ | Physical And Mental Benefits of Vrikshasana

संतुलन और स्थिरता: यह आसन शरीर के संतुलन को सुधारता है और स्थिरता बढ़ाता है.
पैरों की मजबूती: वृक्षासन से पैरों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, खासकर जांघों, पिंडलियों और टखनों को.
मन की शांति: यह आसन मानसिक शांति और एकाग्रता को बढ़ाता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है.
रीढ़ की हड्डी की मजबूती: वृक्षासन रीढ़ की हड्डी को सीधा और मजबूत रखता है.
हिप्स की लचीलापन: यह आसन हिप्स को लचीला बनाता है और हिप्स के जोड़ों को खोलता है.
मांसपेशियों का संतुलन: यह शरीर के मांसपेशियों के संतुलन को सुधारता है और पूरे शरीर में संतुलित ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखता है.

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वृक्षासन करने का तरीका | How To Do Vrikshasana

वृक्षासन करने की विधि सरल है, लेकिन इसके लिए ध्यान और संतुलन की जरूरत होती है. इसे करने के लिए सबसे पहले:

  • सीधे खड़े हों और अपने पैरों को एक साथ जोड़ें.
  • अपनी आर्म्स को अपने शरीर के बगल में रखें.
  • अपना वजन अपने बाएं पैर पर ट्रांसफर करें और अपने दाएं पैर को उठाएं.
  • अपने दाएं पैर को उठाकर अपने बाएं जांघ पर रखें.
  • संतुलन बनाए रखें और अपने हाथों को प्रार्थना मुद्रा में जोड़ें.
  • गहरी सांस लें और अपनी आंखों को एक स्थिर बिंदु पर केंद्रित करें.
  • इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे अपने हाथों को नीचे लाएं और अपने दाएं पैर को वापस जमीन पर रखें.
  • यही प्रक्रिया अपने बाएं पैर को उठाकर दाएं पैर पर संतुलन बनाते हुए दोहराएं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)





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