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Wednesday, July 16, 2025

अलग से नहीं सिखाने होंगे संस्कार, बस बच्चों से कहना शुरू कर दीजिए ये 5 बातें 

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Parenting Tips: बच्चे अगर दूसरों के सामने अच्छा व्यवहार दिखाते हैं, अच्छी बातें करते हैं और माता-पिता के साथ-साथ अन्य लोगों का भी सम्मान करते हैं तो कहा जाता है कि बच्चे संस्कारी हैं. इससे माता-पिता की परवरिश की खासा तारीफ की जाती है. वहीं, बच्चों में बुरी आदतें नजर आती हैं तो उनके संस्कारों को ही दोष दिया जाता है. लेकिन, आखिर संस्कार होते क्या हैं? असल में बच्चों के अच्छे गुणों (Good Values) को ही उनके संस्कार कहा जाता है. ये संस्कार बच्चों में अलग से नहीं डाले जाते बल्कि धीरे-धीरे, रोजमर्रा की आदतों और माता-पिता के व्यवहार से भी बच्चों में संस्कार आते हैं. यहां ऐसे ही कुछ बातों के बारे में बताया जा रहा है जो पैरेंट्स अगर बच्चों से कहते हैं तो बच्चे भी इन अच्छी आदतों को सीखते हैं और जीवन में उतारने लगते हैं. इस तरह खुद-ब-खुद बच्चों में अच्छे संस्कार आने लगते हैं. 

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बच्चों को संस्कारी बनाती हैं ये बातें 

मदद करना अच्छी बात है 

बच्चे में उदारवादी भावना लाने के लिए या दूसरों के दुखों के प्रति उसे सजग बनाने के लिए उसे मदद करना सिखाया जा सकता है. बच्चे को कहें कि मदद करना अच्छी बात है जिससे जीवन के किसी भी मोड़ पर अगर उसे कोई जरूरतमंद दिखाई दे तो वह उसकी मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहे. 

माफी मांगने से छोटे नहीं हो जाते 

अक्सर ही देखा जाता है कि छोटी उम्र से ही बच्चों में माफी ना मांगने की जिद नजर आती है. ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे को लगने लगता है कि माफी मांग लेने पर उसकी हार हो जाएगी या उसे किसी के सामने झुकना पड़ेगा. लेकिन, बच्चे को सिखाएं कि माफी मांग लेने का मतलब यह नहीं होता है कि वह किसी के सामने झुक रहा है और माफी मांगने से कोई छोटा नहीं हो जाता है. अपनी गलती (Mistakes) का एहसास होना और माफी मांग लेना एक अच्छा गुण होता है. 

सत्य की राह सही राह होती है

बच्चे को यह समझाना जरूरी है कि सच बोलकर ही वह जीवन में सचमुच आगे बढ़ता है. सच ना बोलकर या झूठ बोलकर बच्चे एक झूठ को कई गुना तक बड़ा बना देते हैं. वहीं, सच कभी बदलता नहीं है और यह खुद की आत्मसंतुष्टि के लिए भी जरूरी होता है. 

शुक्रिया कहना जरूरी है 

अगर कोई आपकी मदद करे तो उसे शुक्रिया (Thank You) कहना जरूरी होता है. किसी को शुक्रिया कहने के लिए आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं होती और यही बच्चों को बताना जरूरी है. जब कोई बच्चे की मदद करता है और जब बच्चा उसे थैंक्यू कहता है तो इससे बच्चे के अच्छे संस्कारों का पता चलता है. 

सम्मान की भावना जरूरी है 

चाहे सामने वाला व्यक्ति छोटा हो या बड़ा, सम्मान का हकदार होता है. यह बात बच्चे से कहना और उसे छोटी उम्र से ही समझाना जरूरी होता है. बच्चे में दूसरों के प्रति सम्मान (Respect) की भावना होना बेहद आवश्यक है और यह एक ऐसा गुण है जो सभी में होना जरूरी है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.




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