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Tuesday, June 17, 2025

मानसिक बीमारी है 'सुपरवुमन सिंड्रोम', छीन लेता है दिन-रात का सुकून, 5 लक्षणों से करें पहचान

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Superwoman Syndrome symptoms: क्या आपको भी ऐसा लगता है कि आप एक साथ लगातार हजारों काम कर रही हैं और फिर भी आपके पास किसी भी काम के लिए वक्‍त नहीं है? अगर हां, तो आप सुपरवुमन सिंड्रोम से पीड़ित हो सकती हैं. सुपरवुमन सिंड्रोम दरअसल, एक मानसिक स्थिति है जिसमें महिलाएं अपने ऊपर सफल करियर, एक खुशहाल पारिवारिक जीवन, फिट बॉडी और एक बेहतरीन सोशल लाइफ जीने का दबाव महसूस करती रहती हैं. लेकिन इस चक्‍कर में दुर्भाग्य से वह लगातार तनाव और लोगों से जेलसी का शिकार बन जाती हैं.

डॉ. तेज भाटिया इंटीग्रेटेड मेडिसिन (Dr.Taz Bhatia integrated medicine) वेबसाइट के अनुसार,मॉडर्न सोसायटी की महिलाओं में इस सिंड्रोम का असर काफी देखने को मिलता है जो अक्सर डिप्रेशन, एंग्जायटी, क्रोनिक स्‍ट्रेस, नींद न आना, माइग्रेन, हार्ट डिजीज, इनफर्टिलिटी जैसी समस्याओं से जूझ रही हैं. यहां हम बता रहे हैं कि सुपरवुमन सिंड्रोम के क्‍या लक्षण हैं और इसके नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के क्‍या तरीके हो सकते हैं.

सुपरवुमन सिंड्रोम के लक्षण:
क्रोनिक स्‍ट्रेस और एंग्जायटी :
महिलाएं हर वक्‍त स्‍ट्रेस और एंग्जायटी में रहती हैं क्योंकि उन्हें हर वक्‍त इस बात का डर रहता है कि वे किसी से पिछड़ न जाएं.

समय का अभाव: उनके पास हर वक्‍त समय का अभाव होता है और आराम करने या अपने शौक पूरे करने का वक्‍त नहीं होता. जिससे वे मानसिक और शारीरिक रूप से हर वक्‍त थकान महसूस करती हैं.

नींद की समस्या: हर वक्‍त आगे रहने के प्रेशर की वजह से उनकी नींद प्रभावित होती है, जिससे वे दिन-रात सुकून महसूस नहीं कर पाती.

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स्वास्थ्य समस्याएं: अत्यधिक काम के दबाव और तनाव की वजह से वे हर वक्‍त शारीरिक और मानसिक सेहत से जुड़ी समस्याएं का शिकार हो सकती हैं, जैसे सिरदर्द, माइग्रेन, हाई ब्‍लड प्रेशर आदि.

अकेलापन और अवसाद महसूस होना: अपने जीवन में वे इतना अधिक व्यस्त हो जाती हैं कि उनका सोशल सर्कल बिल्कुल खत्म सा हो जाता है. जिसकी वजह से वे अकेलापन और डिप्रेशन महसूस करने लगती हैं.

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बचने के उपाय
-अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत को प्राथमिकता दें.
-खुद के लिए समय निकालें.
-परिवार, दोस्तों या कुलीग्स से मदद मांगने में संकोच न करें.
-अनावश्यक कार्यों को ना कहने की हिम्मत रखें.
-रोजाना व्यायाम, मेडिटेशन और हेल्दी डाइट लें.
-रात में भरपूर नींद लें और आराम करने का समय निकालें.

Tags: Female Health, Lifestyle, Mental diseases, Mental Health Awareness



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