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Sunday, March 23, 2025

सचिन-विराट-रोहित-धोनी सब क्यों हो गए फेल, फिर कौन कर गया खेल ?

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1998 से शुरु हुई चैंपियंस ट्रॉफी का इतिहास उठाकर देखे तो एक रिकॉर्ड ऐसा नजर आएगा जिसको देखकर आप हैरान रह जाएंगे. इस टूर्नामेंट में भारत 4 बार फाइनल में पहुंचा पर सिर्फ एक बार मैन आफ दि मैच का एवॉर्ड टीम की झोली…और पढ़ें

रवींद्र जडेजा चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में मैन आफ दि मैच जीतने वाले एकमात्र भारतीय

हाइलाइट्स

  • चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आगाज 19 फरवरी से होगा.
  • विराट-रोहित-जडेजा ने खेला है दो फाइनल.
  • फाइनल में जडेजा MOM जितने वाले एकमात्र भारतीय.

नई दिल्ली. हर कदम पर नई चुनौती, और भूल जाए पुरानी पनौती इसी बात के इर्दगिर्द खेल के मैदान की गणित चलती है. यानि बीती बात बिसारिए और आगे की सुध लेए. भारततीय टीम और खिलाड़ी दोनों के सामने चैंपियंस ट्रॉफी एक नई चुनौती लेकर आया है.  चैलेंज उन तमाम खिलाड़ियों के लिए खास तौर पर है जो चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेल चुके है पर वो खुद को चैंपियन साबित नहीं कर पाए.

19 फरवरी से चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आगाज होगा और चैलेंज इस बार भी होगा  . इस टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है. भारत-पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य टीमें टूर्नामेंट जीतने के लिए पसीना बहा रही है. इस टूर्नामेंट का फाइनल 9 मार्च को खेला जाएगा. फाइनल का नाम जेहन में आते ही एक सवाल भी खड़ा होता है कि  अब तक चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बनने वाले खिलाड़ियों की फेहरिस्त में कितने भारतीय नाम हैं? साथ ही अब तक फाइनल में किस-किस खिलाड़ी को प्लेयर ऑफ द मैच से नवाजा गया है?

रोहित-विराट-सचिन सब फेल तो पास कौन ?

वनडे क्रिकेट के धुरंधर रहे सचिन तेंदुलकर हो या मॉर्डन डे ग्रेट विराट हो या रोहित शर्मा कोई भी बल्लेबाज चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में बड़ा योगदान नहीं दे पाया. सचिन ने चैंपियंस ट्रॉफी का दो फाइनल खेला पर वो मायूस रहे . विराट – रोहित ने भी दो बार चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला पर वो भी फेल रहे . धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का टाइटल जीता. इस बार भारतीय ऑलराउंडर रवींन्द्र जडेजा को फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड से नवाजा गया. जबकि  2017 के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को हराया. इस मुकाबले में पाकिस्तान के ओपनर फखर जमां ने शतक बनाया था. इस शानदार पारी के लिए फखर जमां को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था.

चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के चैंपियन 

किसी भी टूर्नामेंट के फाइनल में बेस्ट खिलाड़ी बनना कास होता है फिर बात आईसीसी टूर्नामेंट की हो तो उसकी अहमियत और बढ़ जाती है. चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत  1998 में बांग्लादेश से हुई जिसके फाइनल में साउथ अफ्रीकी ऑलराउंडर जैक कैलिस प्लेयर ऑफ द मैच बने थे. इसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी 2000 का फाइनल भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था. जिसमें न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर खिताब अपने नाम किया. कीवी प्लेयर क्रिस केंस फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने थे. चैंपियंस ट्रॉफी 2002 का फाइनल बारिश की भेंट चढ़ गया था. जबकि चैंपियंस ट्रॉफी 2004 में वेस्टइंडीज के इयन ब्रैडशॉ प्लेयर ऑफ द मैच बने थे. चैंपियंस ट्रॉफी 2006 का चैंपियंन रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया बनी. शेन वॉटसन को फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड से नवाजा गया था.वहीं, चैंपियंस ट्रॉफी 2009 के फाइनल में शेन वॉटसन एक बार फिर प्लेयर ऑफ द मैच बने थे. अब बारी 2025 की है और भारत के दोनों दिग्गज विराट और रोहित के पास अंतिम मौका है कि ना सिर्फ वो टीम को फाइनल में पहुंचाए साथ ही अपना असर भी उस फाइनल पर छोड़े.

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