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Tuesday, April 16, 2024

उत्तराखंड : बिजली चोरी रोकने के लिए जारी कर दी नई गाइड लाइन

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 देहरादून

राज्य में बिजली चोरी रोकने को नई गाइड लाइन जारी कर दी गई है। इसके तहत नये सिरे से अफसरों की जिम्मेदारी तय की दी गई है। अब जेई से लेकर मुख्य अभियंता तक की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए नये लक्ष्य तय किए गए हैं। अधिकारियों को अब हर महीने तय लक्ष्य के अनुरूप छोटे से लेकर बड़े बिजली कनेक्शनों की जांच कर रिपोर्ट शासन तक देनी होगी। शासन के निर्देश पर ऊर्जा निगम की गाइड लाइन में 13 सितंबर 2017 के बाद अब बदलाव किया गया है। पहले जेई से लेकर मुख्य अभियंता स्तर पर कनेक्शनों की जांच का जो लक्ष्य था, उसे अब दोगुना कर दिया गया है। साथ ही हर माह कनेक्शनों की जांच की अनिवार्य रूप से रिपोर्ट प्रबंधन और सचिव ऊर्जा को देनी होगी।

500 केवीए और 1000 केवीए तक के बिजली कनेक्शन की जांच ईई वितरण और ईई टेस्ट को संयुक्त रूप से करनी होगी। हर महीने ऐसे चार कनेक्शनों की जांच करनी होगी। एक साल में फिर से सभी कनेक्शनों की जांच करनी होगी। 1000 केवीए से ऊपर के कनेक्शन की जांच के दौरान अधीक्षण अभियंता वितरण को मौजूद रहना होगा। उन्हें हर महीने कम से कम तीन कनेक्शन जांचने होंगे। सभी वर्गों में कनेक्शन जांच कर हर महीने की 15 तारीख तक रिपोर्ट देनी होगी। एमडी बीसीके मिश्रा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

नई गाइड लाइन में इस बार विजिलेंस के लिए भी मानक कड़े किए गए हैं। विजिलेंस को सभी श्रेणी में मिलाकर करीब 400 कनेक्शन जांचने होंगे। इनकी निगरानी का जिम्मा निदेशक ऑपरेशन पर रहेगा। बिजली चोरी रोकने के लिए हरसंभव प्रयास जारी रखे जाएंगे। इसके साथ ही मानक और सख्त बनाए जाएंगे। इस क्रम में जेई से मुख्य अभियंता स्तर तक के बिजली कनेक्शन की जांच को नई गाइड लाइन बना दी गई है। सभी अधिकारियों के लिए नये लक्ष्य तय कर दिए गए हैं। हर महीने इन लक्ष्यों की गंभीरता के साथ पड़ताल की जाएगी। बिजली चोरी और लाइन लॉस को हर हाल में खत्म किया जाएगा।

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