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Sunday, April 20, 2025

UPSC Story: यहां 10×10 के कमरों में पलते हैं IAS, IPS, IFS बनने के ख्‍वाब, एक कमरे में बसता है पूरा संसार

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Delhi Coaching Hadsa, UPSC Story Prayagraj Ground Report: यूं तो प्रयागराज संगम से लेकर इलाहाबादी अमरुद समेत न जाने कितनी चीजों के लिए मशहूर है, लेकिन उसकी चर्चा फिर कभी. आज हम आपको यहां यूपीएससी की तैयारी कर रहे भावी आईएएस आईपीएस की गलियों की सैर कराते हैं. कर्नलगंज, कटरा, मंफोर्डगंज, दारागंज, छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर, दारागंज अल्‍लापुर से लेकर न जाने कितने अनगिनत इलाके, भविष्‍य के आईएएस आईपीएस से पटे पड़े हैं. हर सड़क पर आपको आंखों में सपने लिए युवाओं की भीड़ दिख जाएगी. कोई यह सोचकर आया है कि नहीं आईएएस, आईपीएस बने, तो एसएससी पास करके कहीं सरकारी बाबू तो बन ही जाएंगे. मां-बाप का दुख दूर हो जाएगा. कोई यह ठानकर आया है कि यहां से कुछ बनकर ही जाना है.

UPSC समेत परीक्षाओं की तैयारी इलाहाबाद ही क्‍यों?
अब आप सोच रहे होंगे कि देश के कई शहरों में तमाम युवा यूपीएससी समेत सरकारी नौकरियों की तैयारी के लिए जाते हैं, दिल्‍ली भी आते हैं, ऐसे में चर्चा इलाहाबाद यानि प्रयागराज की ही क्‍यों?, तो आपको बता दें कि यूपी के पूर्वांचल से लेकर बिहार के इलाके से हर महीने यहां तमाम गांवों से निकलकर युवा सरकारी नौकरी पाने का सपना लेकर पहुंचते हैं. जब आप ये सवाल इन युवाओं से पूछेंगे तो आपको तपाक से जवाब मिलेगा कि उतनी हैसियत नहीं साहब, कि हम दिल्‍ली, पटना, लखनऊ जैसे शहरों में जाकर तैयारी कर पाएं. जवाब साफ है कि यहां का रहना, खाना काफी सस्‍ता पड़ जाता है. एक कमरे में दो-दो, तीन-तीन स्टूडेंट्स किसी तरह गुजर बसर करके अपने सपने साकार करने में जुटे रहते हैं. अभिषेक यादव कहते हैं कि प्रयागराज हम जैसे स्टूडेंट्स के लिए रियायती है. यहां रूम से लेकर आना-जाना तक सस्‍ता और आसान है. बड़े शहरों में आना जाना और रूम रेंट ही इतना अधिक है कि क्‍या कोई पढ़ाई करेगा.

एक कमरे में बसता है संसार
इलाहाबाद की तंग गलियों के एक कमरे में ही कई युवाओं का संसार बसता है. अरुण यादव, अभिषेक यादव, अभिनव और मनोज तिवारी जैसे तमाम स्टूडेंट्स आपको मिल जाएंगे, जो एक ही कमरे में एक दूसरे की किताबों से भी काम चला लेते हैं.पढ़ते पढ़ते कभी-कभी एक दूसरे के कमरे में सो भी जाते हैं. पूछने पर कि क्‍या यह कमरा छोटा नहीं पड़ जाता. जवाब मिलता है कि हमें पढ़ने से मतलब है साहब, हम यहां पढ़ने आए हैं, सोने नहीं, कम सोएंगे, तभी तो कुछ कर पाएंगे. इसी तरह कई सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे दिनेश कहते हैं इस छोटे से कमरे में ही हम सो लेते हैं, खा लेते हैं, पढ़ लेते हैं यही हमारा संसार है.

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