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Thursday, December 12, 2024

सुखविंदर सिंह सुक्खू एक्सक्लूसिव: हम हर क्षेत्र में विकास जारी रखेंगे और सभी गारंटियां भी पूरी करेंगे

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हम जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए विकास की परियोजनाओं को तैयार कर रहे हैं। हम हाइड्रो पर्यटन, डेयरी सेक्टर पर ज्यादा इन्वेस्ट करना चाह रहे हैं। पानी हिमाचल की संपदा है। लेकिन उसके लिए सही नीति नहीं अपनाई गई। आप देखें, उसी पानी के प्रयोग से एसजेवीएनल (सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड कंपनी) 67 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बन गई और 75 साल में हमारा बजट पहुंचा 58 हजार करोड़ का। ऐसे में साफ है कि कहीं-न-कहीं नीति में गलतियां रही हैं। अगर 12-18-30-40 के हिसाब से एसजेवीएनएल हमारे साथ बात करेगी तो हम उनके जो प्रोजेक्ट चले हैं, उसमें काम करने देंगे, वरना हम उनको टेकओवर कर लेंगे, यह हमने फैसला ले लिया है। (दरअसल, हिमाचल प्रदेश की नई बिजली नीति के अनुसार, विद्युत परियोजना वाली कंपनी को पहले 12 वर्षों में 12 प्रतिशत, इसके बाद 18 वर्षों तक 18 प्रतिशत तथा आगामी 10 वर्षों के लिए 30 प्रतिशत रॉयल्टी देने की अनिवार्यता की गई है। इसके बाद जब प्रोजेक्ट को 40 वर्ष पूरे हो जाएंगे तो पावर प्रोजेक्ट प्रदेश सरकार को सौंपने की नीति तैयार की गई है।)



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