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Sunday, April 20, 2025

Jagannath Rath Yatra : सीएम भूपेंद्र पटेल ने सोने की झाडू लगाकर की जगन्नाथ रथयात्रा की शुरुआत, 19 हजार पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात 

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गुजरात के अहमदाबाद में आज भगवान जगन्नाथ की 147वीं रथयात्रा (Jagannath Rath Yatra) निकाली जा रही है। अहमदाबाद की यह रथ यात्रा जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा के बाद सबसे बड़ी रथ यात्रा मानी जाती है। इस पवित्र दिन पर भगवान स्वयं नागरिकों को दर्शन देने के लिए निकलते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रथयात्रा के मार्ग में सोने की झाडू लगाने की ‘पहिंद’ विधि की और फिर जगन्नाथ मंदिर से रथ को खुद खींच कर ”जय जगन्नाथ” के जयकारों के साथ इस रथयात्रा की शुरुआत की। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।  

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वर्षों पुरानी परंपरा के अनुसार, आषाढ़ी दूज के पावन अवसर पर आज सुबह 4 बजे यहां के जमालपुर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में दर्शन-मंगला आरती की। उसके बाद भगवान को प्रिय आदिवासी नृत्य और रास गरबा के कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट खिचड़ी का भोग भगवान को चढ़ाया गया और भगवान की आंखों पर बंधी पट्टी खोलने की विधि की गई। भगवान की मंगला आरती के साथ ही हजारों भक्तों ने भगवान श्री जगन्नाथ के दर्शन किए। आरती के बाद सुबह 05:45 बजे भगवान को रथ में बैठाया गया।

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पुराने अहमदाबाद शहर के शाहपुर और दरियापुर जैसे संवेदनशील विस्तारों से परंपरागत मार्गों पर होकर शाम को साढ़े आठ बजे निज मंदिर में वापस आएगी। अहमदाबाद की भगवान जगन्नाथ रथयात्रा जगन्नाथपुरी की रथयात्रा की तर्ज पर ही सुबह निकली, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम के साथ भगवान खुद भक्तों को दर्शन देने नगर यात्रा पर निकले हैं।

रथयात्रा दोपहर बाद भगवान के ननीहाल मामा, मौसी के घर के प्रतीक स्वरूप सरसपुर पहुंचेगी जहां विश्राम के बाद देर शाम वापस मंदिर लौट आएगी। सरसपुर में हजारों श्रद्धालु प्रसाद स्वरूप भोजन भी करेंगे।

मुख्यमंत्री पटेल ने इस अवसर पर कहा कि ”हमारी संस्कृति और परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अहमदाबाद शहर में रथयात्रा निकल रही है तब सभी नागरिकों को रथयात्रा पर्व की अनंत शुभकामनाएं।” इस पवित्र दिन पर राज्य के नागरिकों की सुख-शांति और समृद्धि में निरंतर वृद्धि होती रहे। रथयात्रा के लिए सभी का उत्साह हमेशा बना रहे। रथयात्रा शांत और सलामत संपन्न हो उसके लिए पूरी व्यवस्था की गई है। उन्होंने आज कच्छ और कच्छ के बाहर रहने वाले सभी कच्छी भाई-बहनों को आषाढ़ी बीज-कच्छ नववर्ष के पावन पर्व पर शुभकामनाएं दी हैं।

रथयात्रा में 18 सजे हुए गजराज और 101 प्रकार की झांकियां

 भगवान के रथ सुबह 07:00 बजे से परंपरागत मार्गों पर होकर रथयात्रा कर शाम को 08:30 बजे निज मंदिर में वापस आ जाएंगे। यात्रा की शुरुआत सबसे पहले गजराज से होती है, इसलिए करीब 18 सजे हुए गजराज यात्रा में सबसे आगे रहेंगे। उसके बाद 101 प्रकार की झांकियां ट्रक में होंगी। इस दौरान कसरत के प्रयोग दिखाते हुए 30 अखाड़े, 18 भजन मंडली, तीन बैंडबाजे भी भगवान के रथ के साथ रहेंगे। करीब 2000 से अधिक साधु-संत हरिद्वार, अयोध्या, नासिक, उज्जैन, जगन्नाथपुरी और सौराष्ट्र से इस रथयात्रा में आएंगे। रास्ते में 1,000 से 1,200 लोग रथ खींचते रहेंगे। इस रथयात्रा के लिये प्रसाद के भी खास इंतजाम किए गए हैं। करीब 30 हजार किलोग्राम मूंग, 500 किलोग्राम जामुन, 500 किलोग्राम आम, 400 किलोग्राम ककड़ी, अनार और खिचड़ी का प्रसाद रथयात्रा के दौरान बांटा जाएगा।

रथयात्रा की कड़ी सुरक्षा, ड्रोन से निगरानी  

इस रथयात्रा की सुरक्षा के लिए 1.5 करोड़ रुपये का बीमा भी लिया गया है। रथयात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना ना बने उसके लिए गुजरात पुलिस ने शहर में सुरक्षा के खास इंतजाम किए हैं। अहमदाबाद के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पुराने इलाकों से होकर गुजरने वाली रथयात्रा के लिए सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए हैं। रथयात्रा में हजारों पुलिस तथा सुरक्षाकर्मी बंदोबस्त में हैं। रथयात्रा रूट पर रीयल टाइम मॉनिटरिंग, ड्रोन के माध्यम से पूरी रथयात्रा की निगरानी के साथ तकनीकी युक्त सुरक्षा उपकरणों को भी रथयात्रा में जोड़ा गया हैं। भक्तों को दर्शन देने भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम के साथ खुद नगर यात्रा पर निकले हैं। राज्य की राजधानी गांधीनगर, राजकोट, सूरत, भावनगर, वडोदरा, जामनगर, जूनागढ, अमरेली, दाहोद समेत राज्य के विभिन्न छोटे बड़े शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी रथयात्राएं आयोजित की जा रही हैं। लोगों में रथयात्रा को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है।

करीब 19 हजार पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे 

रथयात्रा के उमंग पर्व को शांति एवं सुरक्षापूर्ण वातावरण में संपन्न कराने के लिये शहर पुलिस प्रशासन की प्रतिबद्धता दर्शाने, रथयात्रा को सफल बनाने के लिए आईजी स्तर से लेकर पुलिस कर्मचारियों तक 18700 से अधिक सुरक्षा कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं।

रथयात्रा में शामिल होने वाले रथों, ट्रकों, अखाड़ों, भजन मंडलियों तथा महंतों की सुरक्षा के लिए रथयात्रा के साथ मूविंग बंदोबस्त में लगभग 4500 पुलिस कर्मचारी जुड़े हैं। समग्र रथयात्रा में बाधा के निवारण तथा सुचारु यातायात संचालन के लिये यातायात शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में 1931 जवान तैनात हैं। इतन ही नहीं लगभग 16 क्रेनों की व्यवस्था भी की गई है।

रथयात्रा के दौरान सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के माध्यम से कोई अफवाह या गुमराह करने वाले समाचार, विवरण कहीं प्रचारित-प्रसारित हों तो उसके विरुद्ध तत्काल सत्य-यथार्थ से लोगों को अवगत कराने पर पुलिस प्रशासन विशेष ध्यान देगी। इस संदर्भ में पुलिस आयुक्त के अनुसार रथयात्रा में पर्याप्त मॉनिटरिंग प्रबंधन में लगभग 47 लोकेशन से 96 कैमरा, 20 ड्रोन, 1733 बॉडीवॉर्न कैमरा द्वारा लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके अलावा 16 किलोमीटर के समग्र रथयात्रा रूट पर निजी दुकान मालकों की सहभागिता से लगभग 1400 सीसीटीवी कैमरा से पुलिस नियंत्रण कक्ष नजर रखेगा।

मेडिकल इमर्जेंसी से भी निपटने की पूरी तैयारी

यात्रा के दौरान किसी मेडिकल इमर्जेंसी या अप्रत्याशित घटना की स्थिति में चिकित्सा सेवाओं के लिए अहमदाबाद महानगर पालिका की तीन और राज्य सरकार के असारवा एवं सोला स्थित सिविल अस्पतालों मेडिकल टीमें स्टैंडबाई रखी गई हैं। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि पाँच अर्बन हेल्थ सेंटर में भी तत्काल इलाज उपलब्ध रहेगा। 108 एम्बुलेंस सेवा की 11 तथा मनपा की पांच एम्बुलेंस भी आवश्यकतानुसार उपलब्ध रहेंगी।

इस रथयात्रा के दौरान नगरजनों की सहायता के आशय से यात्रा रूट पर लगभग 17 जन सहायता केन्द्र भी स्थापित किए गए हैं। इस परंपरागत रथयात्रा को साम्प्रदायिक सौहार्द का उत्सव बनाने के लिए रथयात्रा से पूर्व शहर पुलिस प्रशासन द्वारा शांति समिति की 132 बैठकें, मोहल्ला समिति की 136 बैठकें, महिला समिति की 38 बैठकें, विभिन्न धर्मगुरुओं के साथ 18 बैठकें तथा भगवान के रथों को खींचने वाले खलासी भाइयों, अखाड़ा संचालकों के साथ लगभग 25 बैठकें की गईं।



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