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New Zealand Cricket Team Shows Big Spirit: न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीम ने सीमित संसाधनों और छोटी आबादी के बावजूद विश्व क्रिकेट में धाक जमाई है. 2021 में आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप जीती और कई विश्व कप फाइनल खेले. रवि…और पढ़ें
न्यूजीलैंड का आईसीसी के सीमित ओवरों के टूर्नामेंट में यह कुल छठा फाइनल होगा.
हाइलाइट्स
- न्यूजीलैंड ने 2021 में आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप जीती
- न्यूजीलैंड की आबादी मात्र 52 लाख है, जो कानपुर के बराबर है
- चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में रविवार को भारत से मुकाबला
New Zealand Cricket Team Shows Big Spirit: न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीम लगातार अपने प्रदर्शन से चौंका रही है. चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में रविवार को दुबई में न्यूजीलैंड का सामना भारत से होगा. न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का आईसीसी के सीमित ओवरों के टूर्नामेंट में यह कुल छठा फाइनल होगा. अगर ब्लैक कैप्स (किवी टीम के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लोकप्रिय शब्द) के पिछले पांच-छह साल के खेल का जायजा लिया जाए तो उसने वनडे के 2019 और 2023 में खेले गए पिछले दो विश्व कप में फाइनल और सेमीफाइनल तक का सफर तय किया. वहीं, 2021 और 2022 में खेले गए टी-20 विश्व कप में फाइनल और सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल रही. 2021 में न्यूजीलैंड टीम आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीतने में सफल रही.
क्रिकेट के मैदान पर दिग्गजों को ठिकाने लगाने वाला न्यूजीलैंड आबादी के हिसाब से एक बहुत छोटा सा देश है. इसकी आबादी महज 52 लाख है. भारत के पांचों बड़े शहर मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और कोलकाता तो उससे बहुत आगे हैं. जनसंख्या के मामले में उसका मुकाबला पुणे से है. हालांकि पुणे की आबादी भी 70 लाख के पार है, जो किवियों के मुकाबले लगभग डेढ़ गुनी ज्यादा है. फिर भी उसकी क्रिकेट टीम पूरी दुनिया में अपनी सफलता के झंडे गाड़े हुए है. उस पर तुर्रा यह है कि क्रिकेट न्यूजीलैंड का मुख्य खेल नहीं है. उसका मुख्य खेल रग्बी है. न्यूजीलैंड क्रिकेटप्रेमियों की पसंदीदा टीम इसलिए है क्योंकि वो आसानी से घुटने नहीं टेकती है. उनकी टीम में भले ही कोई सुपरस्टार खिलाड़ी ना हों, लेकिन उनके पास बड़े मैचों में पासा पलट देने की महारथ है.
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दक्षिण अफ्रीका पर जीत शानदार
क्रिकेट हो या कोई और खेल उसकी खूबसूरती यह है कि यह आपको सपने देखने और उन्हें हकीकत में बदलने का मौका देता है. यह हमें इरादे और विश्वास के साथ कुछ असाधारण करने में सक्षम बनाता है. बुधवार को, न्यूजीलैंड ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में जो किया वह इस खेल का सबसे शानदार रूप था. बाधाओं के खिलाफ जीत, यह अनिवार्य रूप से खेल का सार है. न्यूजीलैंड के क्रिकेटर जानते थे कि एक ऐसी टीम कैसे बनाई जाए जिससे एक और एक ग्यारह का योग निकले. इस टीम में प्रत्येक खिलाड़ी ने एक विशिष्ट भूमिका निभाई और सभी ने टीम की नीतियों का पालन किया. नतीजा यह रहा कि न्यूजीलैंड टीम एक और फाइनल खेलने जा रही है.
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बिग थ्री को दिखाया आईना
अमूमन छोटी टीमों के पास कई किस्म के बहाने होते हैं. मसलन खिलाड़ियों की संख्या, संसाधन, आर्थिक स्थिति, कम जनसंख्या, लेकिन कई तरह की बाधाओं के बावजूद ब्लैक कैप्स अलग हैं. उनकी महत्वाकांक्षाएं सीमित नहीं हैं. रिचर्ड हेडली, केन रदरफोर्ड, स्टीफन फ्लेमिंग, क्रिस केयंर्स, नाथन एस्टल, क्रेग मैकनिलन और डेनियल विटोरी के दिनों से इसने प्रभावित किया है. उसने दिखा दिया कि सीमित संसाधनों वाला एक छोटा देश मौका पड़ने पर बिग थ्री (भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड) को पछाड़ सकता है. यह दर्शाता है कि क्यों ये टीम लोगों की चहेती बनी हुई है.
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खेलों पर उपनिवेशवाद का असर
न्यूजीलैंड में खेल देश की औपनिवेशिक विरासत को काफी हद तक दर्शाते हैं. यही कारण है कि देश में सबसे लोकप्रिय खेल रग्बी, नेटबॉल और क्रिकेट हैं. इन सभी खेलों की उत्पत्ति ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) से हुई है, जो उपनिवेशवाद के दौरान उनके प्रमुख प्रभाव को दिखाता है. न्यूजीलैंड के चैंपियन सेलर ग्रांट डाल्टन ने एक बार कहा था, “हम कोई महाशक्ति नहीं हैं, माना कि हमारे पास बड़ी नदियां और पहाड़ हैं, लेकिन हमारा खेल ही हमारा जुनून और हमारी सफलता है. इससे आपको गर्व की अनुभूति होती है और यह पूरे देश में गूंजती है.” लेकिन यह केवल एक खेल के बारे में नहीं है – यह इस बारे में है कि कैसे “दुनिया के सबसे निचले पायदान पर स्थित वह छोटा सा देश विभिन्न खेलों में बड़े देशों के खिलाफ सफलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा करने में कामयाब रहा है.” न्यूजीलैंड का शुमार रग्बी की बड़ी टीमों में किया जाता है. न्यूजीलैंड ने 1954 में पहली बार रग्बी लीग विश्व कप के बाद से हर रग्बी लीग विश्व कप में भाग लिया है. वो 2000 और 2013 के बीच लगातार तीन टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा है. 2008 में, न्यूजीलैंड ने पहली बार विश्व कप जीता.
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ओलंपिक में भी बजता है डंका
न्यूजीलैंड का प्रदर्शन ओलंपिक खेलों में भी खासा दमदार रहता है. 2024 पेरिस ओलंपिक में न्यूजीलैंड ने 10 गोल्ड, 7 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज सहित 20 मेडल जीते थे. ये छोटा सा देश पदक तालिका में 11वें स्थान पर रहा था. ये उसके लिए कोई तुक्का नहीं है. टोक्यो ओलंपिक में भी न्यूजीलैंड ने 20 पदक (7 गोल्ड, 6 सिल्वर, 7 ब्रॉन्ज) जीते थे. 2016 रियो डी जनेरो में उसने 18 पदक अपने नाम किए थे. जिन खेलों में न्यूजीलैंड ओलंपिक में पदक जीतता आ रहा है, वो हैं रोइंग, डोंगी चालन, एथलेटिक्स, सेलिंग, घुड़सवारी, साइकिलिंग, तैराकी, मुक्केबाजी और रग्बी सेवन. वो अब तक ओलंपिक में 63 गोल्ड मेडल सहित 157 पदक अपने नाम कर चुका है. 50 लाख से कुछ ज्यादा आबादी वाले देश के लिए खेल के मंच पर ये सफलता बहुत कुछ बयान करती है. हकीकत में खेलों में न्यूजीलैंड की सफलता उसके समाज का बाईप्रोडक्ट है.
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बच्चों के लिए खेल का माहौल
न्यूजीलैंड में अधिकांश बच्चे किसी क्लब में शामिल होते हैं और कम से कम एक ग्रीष्मकालीन और एक शीतकालीन खेल खेलते हैं. न्यूजीलैंड में खेलना संस्कृति का एक हिस्सा है. जो लोग छोटे या मध्यम आकार के ग्रामीण कस्बों में रहते हैं, वे अक्सर कई खेल खेलते हैं. माता-पिता स्पष्ट रूप से इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि उनमें से अधिकांश खेल खेलते हुए बड़े हुए हैं, इसलिए वे अपने बच्चों को भी खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार ऑकलैंड विश्वविद्यालय में खेल समाजशास्त्र के प्रोफेसर टोनी ब्रूस के अनुसार इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं. ब्रूस का मानना है कि देश के ब्रिटेन के साथ संबंध, इसकी भौगोलिक स्थिति और खेलों में शुरुआती सफलता, सभी ने इसकी हालिया सफलता में योगदान दिया है.
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आगे बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्प
न्यूजीलैंड की सफलता की कभी अनदेखी नहीं हुई. पुरुष क्रिकेट टीम के प्रदर्शन ने उसके लिए भारत में एक बाजार खोल दिया. आईपीएल में उनके खिलाड़ियों को हाथों हाथ लिया गया. ब्लैक कैप्स के खेलने के तरीके की जोरदार तारीफ हुई. न्यूजीलैंड के पूर्व उप प्रधानमंत्री ग्रांट रॉबर्टसन का कहना है कि न्यूजीलैंड की संस्कृति में खेल को दिए गए महत्व ने उसे सबसे बड़े मंचों पर फलने-फूलने में सक्षम बनाया. रॉबर्टसन का मानना है, “न्यूजीलैंड के लोगों में जनसंख्या में कम होने के कारण अंतर्निहित दृढ़ संकल्प होता है. जब आप छोटे होते हैं तो कुछ हासिल करने के लिए दोगुना संघर्ष करते हैं.” सिर्फ इसलिए कि न्यूजीलैंड एक छोटा देश है इसका मतलब यह नहीं है कि वो कड़ा प्रतिस्पर्धी नहीं हो सकता और सर्वश्रेष्ठ को हरा नहीं सकता. उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट टीम इस बात को अच्छी तरह समझ रही होगी.
New Delhi,Delhi
March 08, 2025, 15:41 IST
आबादी में पुणे से छोटा, हौसला एवरेस्ट सा… न्यूजीलैंड ने कैसे जमाई धाक