नई
दिल्ली
कोरोना संकट
को देखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बड़ी कटौती कर दी है।
इसके तहत आरबीआई ने रेपो रेट 0.75 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 0. 9 फीसदी घटा दिया है। आरबीआई के इस
कदम से कर्ज जहां सस्ता हो जाएगा वही मौजूदा लोन ग्राहकों की ईएमआई में भी बड़े
स्तर पर कटौती होगी । कटौती के बाद यह 4.4 फ़ीसदी होगी। आरबीआई गवर्नर के अनुसार रेपो दर
में “बड़ी कटौती” का निर्णय, “विकास को पुनर्जीवित करने और कोरोना वायरस के
प्रभाव को कम करने तथा वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।”
तरलता बढ़ाने
के लिए आरबीआई ने एक बड़ी पहल और कर दिया इसके तहत सीआरआर में 1 फ़ीसदी की कटौती की गई है । नया
सीआरआर 4 सीसी
से घटकर अब 3 फ़ीसदी
हो गया है इससे बैंकों को कर्ज देने में आसानी होगी और उनकी लागत घटेगी और करीब 1.37 लाख करोड़ की तरलता बढ़ जाएगी। नया
सीआरआर रेट 1 साल
के लिए प्रभावी होगा। सभी बैंकों के टर्म लोन की किश्त के भुगतान से 3 महीने की छूट मिलेगी। आरबीआई ने सभी
ऋण संस्थानों को टर्म लोन पर किश्तों के भुगतान पर 3 महीने की मोहलत देने की अनुमति दी है। आरबीआई
गवर्नर शक्तिकांत दास ने पप्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मॉनिटरी
पॉलिसी कमेटी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेट कट के पक्ष में वोट किया था।
कोविड-19 की
वजह से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत
दास के अनुसार दुनिया में ऐसे हालात पहले कभी नहीं देखे गए ऐसे में कई देशों में
मंदी का खतरा मंडरा रहा है भारत भी उससे अछूता नहीं रह गया है। हम हम पर कितना असर
होगा यह तो वक्त बताएगा क्योंकि यह तभी पता चलेगा जब हम यह समझ पाएंगे कि इस
महामारी से हम किस तरह निपटे।
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