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Saharanpur: रमजान का महीना बहुत ही पाक महीना माना जाता है. इस महीने में अच्छे काम करने का फल कई गुना ज्यादा मिलने की धार्मिक मान्यता है. वहीं ये भी मान्यता है कि इस पाक महीने में खासकर इन लोगों की मदद की जाए तो…और पढ़ें
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रमजान महीने में डबल शबाब पाने के लिए करें जरूरतमंदों की मदद
हाइलाइट्स
- रमजान में अच्छे काम का सवाब 70 गुना बढ़ जाता है.
- गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना जरूरी.
- रोजा रखना हर बालिग मुसलमान पर फर्ज है.
सहारनपुर. इस्लाम धर्म में रमजान का महीना बहुत ही पाक महीना माना जाता है. पूरे महीने रोजे रखे जाते हैं और खुदा की इबादत की जाती है. भारत में 2 मार्च से रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. इस पूरे महीने में मुस्लिम धर्म के लोग खुदा की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान साल का नौवां महीना होता है. रमजान के पूरे महीने में लोग हर दिन रोजा रखते हैं और इस्लामी कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल का चांद दिखाई देने पर शव्वाल की एक तारीख को खुदा का शुक्रिया करते हुए ईद-उल-फितर का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
खास होता है ये महीना
रमजान के इस पवित्र महीने में अच्छा कार्य करने से 70 गुना अधिक सवाब मिलता है. लेकिन 70 गुना अधिक सवाब पाने के लिए रमजान महीने में हर मुस्लिम व्यक्ति को ऐसे लोगों को चिन्हित करना चाहिए जो गरीब हों, जिनके सिर पर पति का साया न हो, जिनके सिर पर छत न हो और जो लोग मांगना नहीं चाहते लेकिन वे जरूरतमंद होते हैं. ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनकी मदद जरूर करें. रमजान महीने में ऐसा करने से खुदा की रहमत उन पर बनी रहती है, साथ ही वह व्यक्ति 70 गुना अधिक सवाब का हकदार भी होता है.
सवाब बढ़ जाता है 70 गुना
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कारी इसहाक गोरा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि रमजान मुसलमानों के लिए बहुत ही पवित्र महीना है. इसकी फजीलत कुरान और हदीसों में बताई गई है. रमजान इसलिए भी बहुत पवित्र महीना है क्योंकि इस महीने में जो भी नेक काम होता है, उसका सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है. इस महीने में हर दिन रोजे रखे जाते हैं, जो हर मुसलमान पर, जो बालिग और अक़िल हो, फर्ज होते हैं. साथ ही रोजा छोड़ने वाला गुनहगार होता है.
जो हाथ नहीं फैलाते करें, उनकी मदद
वहीं, लोग इस महीने में जकात निकालते हैं, खैरात करते हैं, इमदाद करते हैं और गरीबों को ढूंढ-ढूंढ कर उनकी मदद करते हैं, जो कि एक इस्लामी फर्ज है. रमजान महीने में मुस्लिम लोगों को खास तौर पर ऐसे लोगों को चिन्हित करना जरूरी है जो हाथ नहीं फैलाते, अपने घरों पर रहते हैं और जिन्हें मदद की बहुत जरूरत होती है. मुसलमानों को चाहिए कि वे ऐसे लोगों को चिन्हित करें और जाकर उनकी मदद करें क्योंकि यह उनका इस्लामी फर्ज है.
Saharanpur,Uttar Pradesh
March 12, 2025, 14:39 IST
रमजान के इस महीने में पाना चाहते हैं 70 गुना ज्यादा सवाब तो जरूर करें ये काम!
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.