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Tuesday, June 17, 2025

वायनाड के बाढ़ पीड़ितों के लिए आगे आए राहुल गांधी, दान की एक महीने की तनख्वाह

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केरल के वायनाड में आई भयानक बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आगे आए हैं। उन्होंने वायानाड के बाढ़ पीड़ितों के लिए अपनी एक महीने की तनख्वाह दान कर दी है। राहुल गांधी ने बुधवार को इस बात की जानकारी देते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएं। बता दें राहुल गांधी पिछली लोकसभा में वायनाड से सांसद भी रह चुके हैं। राहुल इस बार के लोकसभा चुनाव में राहुल वायनाड के साथ रायबरेली से भी चुनाव जीते मगर लोकसभा में सदस्यता लेने के दौरान उन्होंने वायनाड की सीट छोड़ दी थी। अब इस सीट पर उपचुनाव कराया जाएगा।

वायनाड की त्रासदी के लिए अपनी तनख्वाह दान करने को लेकर राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में लिखा, “वायनाड में हमारे भाई-बहनों ने एक बहुत बड़ी त्रासदी का सामना किया है और उन्हें हमारे समर्थन की जरूरत है ताकि वे अपने नुकसान से उबर सकें। मैंने अपने एक महीने की तनख्वाह बाढ़ पीड़ितों के राहत और पुनर्वास के लिए दान कर दी है। मैं सभी भारतीयों से गुजारिश करता हूं कि जितना हो सके मदद करें क्यों हर छोटी मदद मायने रखती है।”

उन्होंने वायनाड के पुनर्निर्माण के लिए लोगों से कांग्रेस केरल के फंड में योगदान देने की अपील भी की। राहुल गांधी ने कहा, “वायनाड हमारे देश का एक खूबसूरत हिस्सा है, और हम सब मिलकर यहां के लोगों की जिंदगी को फिर से पटरी पर ला सकते हैं।”

रविवार को राहुल गांधी ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में चल रहे राहत कार्यों पर स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा की थी। उन्होंने कहा, “वायनाड धीरे-धीरे भूस्खलन से हुई तबाही से उबर रहा है। अभी बहुत काम बाकी है, लेकिन यह देखकर अच्छा लग रहा है कि सभी समुदाय और संगठन मिलकर राहत कार्यों में जुटे हैं।”

राहुल गांधी ने वायनाड में पर्यटन को फिर से जीवित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “भूस्खलन एक खास इलाके में हुआ था, न कि पूरे वायनाड में। वायनाड अब भी एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है और जल्द ही अपनी खूबसूरती के साथ देश और दुनिया भर के पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार होगा।”

कांग्रेस नेता ने राहत प्रयासों में ध्यान देने वाली कुछ और बातों पर भी जोर दिया जिसमें विभागों के बीच समन्वय की कमी, मुआवजे की कमी, लोगों की आजीविका का नुकसान और पर्यटन पर असर जैसी समस्याएं शामिल हैं।



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