नई दिल्ली
केंद्र सराकर ने सुप्रीम कोर्ट में राफेल की पुनर्विचार याचिका पर ताजा हलफनामा दायर किया है। 14 दिसंबर को, 2018 को दिए अपने आदेश में अदालत ने 36 लड़ाकू विमानों की खरीद को सही पाते हुए बरकरार रखा था। अदालत ने कहा था कि मीडिया रिपोर्ट और फाइलों की आतंरिक नोटिंग के हिस्से को जानबूझकर सिलेक्टिव तरीके से पेश करना समीक्षा का आधार नहीं बन सकता है। इससे पहले 29 अप्रैल को केंद्र सरकार ने ताजा हलफनामा दायर करने के लिए अदालत से समय मांगा था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष केंद्र सरकार के वकील ने इस मामले का उल्लेख करते हुए संबंधित पक्षकारों में पत्र वितरित करने की अनुमति मांगी थी। पीठ ने केंद्र को पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं सहित सभी पक्षकारों में इसे वितरित करने की अनुमति प्रदान कर दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण के अलावा एक अन्य अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने राफेल सौदे के बारे में शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार याचिकायें दायर की हुई हैं।