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Wednesday, May 21, 2025

फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले से हड़कंप, आतंकी कनेक्‍शन की आशंका, भागे-भागे आए अफसर

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रायबरेली. फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले को लेकर मचे हंगामे के बीच रायबरेली में डीएम-एसपी समेत आईजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी और आईजी लखनऊ जोन ने पहुंचकर अपनी-अपनी जांच की है. मामले में अब सीएम योगी ने संज्ञान में ले लिया है. इस मामले के तार आतंकी संगठन पीएफआई और रोहिंग्या से जुड़ते नजर आने की शिकायत से हड़कंप मच गया है. बताया गया है कि अब पूरे देश में ऐसे मामलों की जांच होगी. यह दावा किया है सीएम योगी से इस मामले की शिकायत कर वापस लौटे हिंदू युवा वाहिनी के निवर्तमान संयोजक जितेंद्र सिंह ने.

इससे पूर्व सलोन विधानसभा से भाजपा विधायक अशोक कोरी ने भी यही दावा किया था. विधायक ने भी सीएम योगी से मिलकर पूरे मामले की जांच एटीएस से कराने की मांग की है. इस मामले में भाजपा विधायक अशोक कोरी ने कहा है कि इसमें आतंकी कनेक्शन की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है. दरअसल रायबरेली में राष्ट्रीय सुरक्षा को धता बताते हुए यहां सरकारी कर्मचारी की मिलीभगत से हजारों फर्जी जन्म प्रमाणपत्र निर्गत कर दिए गए हैं. खास बात यह कि इनमें से ज्यादातर जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने वालों का इन गांवों से कोई संबंध ही नहीं है.

कई महीनों से चल रहा था खेल, जांच के बाद खुलासे से हैरान हैं अफसर
आशंका जताई जा रही है कि जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने वाले अलग-अलग प्रांतों के रहने वाले हैं. मामला सलोन तहसील का है. यहां ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव की नूरुद्दीनपुर सिरसिरा, गोपालपुर, पाल्हीपुर गांवों में तैनाती है. इन गांवों के पते पर पिछले कई महीने से ऐसे लोगों के जन्म प्रमाणपत्र निर्गत हो रहे थे जिनका यहां से कभी कोई संबंध ही नहीं रहा है. तीनों ग्राम सभाओं के प्रधानों ने इस बात की सूचना एडीओ पंचायत जितेंद्र सिंह को दी थी. मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया तो सीडीओ ने इसकी जांच एडीओ पंचायत को सौंप दी. एडीओ पंचायत की जांच में सामने आया कि ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव समेत सहज जनसेवा केंद्र संचालक जीशान खान रियाज व एक अन्य की मिलीभगत से लगभग 19 हजार से ज्यादा गैर जनपदीय और गैर प्रांतीय लोगों के फर्जी प्रमाण पत्र जारी हो गए.

2022 के बाद जारी जन्म प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश
पुलिस ने एडीओ पंचायत जितेंद्र सिंह की तहरीर पर ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव समेत जीशान खान रियाज व एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज उन्हें जेल भेज दिया है. उधर मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले के डीएम एसपी समेत आईजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी और आईजी लखनऊ जोन ने भी मौके पर पहुंच कर मामले से जुड़े अभिलेख खंगाले हैं. इस मामले में जहां सीडीओ ने जिले भर में 2022 के बाद जारी जन्म प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश दिए हैं. इस पूरे मामले में भाजपा विधायक की सक्रियता के चलते ही इसकी कड़ियां खुलनी शुरू हुई हैं.

केरल और कर्नाटक पुलिस भी पहुंची थी जांच के लिए
भाजपा विधायक अशोक कोरी के मुताबिक कुछ दिन पहले केरल और कर्नाटक पुलिस किसी व्यक्ति के जन्म प्रमाणपत्र मामले की जांच के लिए आई थी. जिस व्यक्ति की जांच के लिए केरल पुलिस आई थी वो पीएफआई का मेंबर था और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में पकड़ा गया था. उस व्यक्ति का जन्म प्रमाणपत्र सलोन तहसील के पाल्ही गांव का था और उसे जारी किया गया था सलोन कस्बे से संचालित सहेज जनसेवा केंद्र से. भाजपा विधायक को जब यह मालूम हुआ कि इस व्यक्ति का यहां के पते से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी हुआ है तो उन्होंने अपने स्तर से अन्य ग्राम प्रधानों से संपर्क साधा. ग्राम प्रधानों से मिली जानकारी के बाद  विधायक ने उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. इस मामले को लेकर हमने बंद पड़ी जीशान की दुकान से लेकर सभी गावों का जायजा लिया तो पूरे मामले की कड़ी दर कड़ी खुलती गई.

Tags: Birth Certificate, Fake documents, Rae Bareli, Rae Bareli City News, Rae Bareli News



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