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Friday, April 19, 2024

कम पैदावार, ज्यादा स्टोरेज से 15% तक महंगा हुआ आलू

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नई दिल्ली

 देश में आलू की नई फसल की आवक में तेजी आने के बावजूद इस महीने उत्तर प्रदेश में आलू की थोक कीमतें 10-15 फीसदी तक बढ़ गई हैं। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पिछले साल के इसी समय के मुकाबले अब आलू के दाम 120-150 फीसदी अधिक चल रहे हैं। ये दोनों राज्य देश के कुल उत्पादन में करीब आधे का योगदान करते हैं। कोल्ड स्टोरेज असोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश के सचिव अरविंद अग्रवाल ने ईटी से कहा, ‘राज्य में फर्रुखाबाद और कन्नौज जैसे आलू उत्पादक क्षेत्रों में पैदावार घटने से कीमतें बढ़ गई हैं। कोल्ड स्टोरेज के मालिक असमंजस में फंसे हुए हैं। उनमें से ज्यादातर ने कीमतों के मौजूदा स्तर पर ही भंडारण करना शुरू कर दिया है।’

उत्तर प्रदेश में आलू की बढ़ती कीमतों का दूसरे राज्यों पर भी काफी असर पड़ रहा है। ट्रेडर्स का कहना है कि कीमतों में हालिया बढ़ोतरी अनुमान से कम पैदावार होने से कोल्ड स्टोरेज मालिकों में फैली घबराहट का नतीजा है। केंद्र सरकार के पोर्टल एगमार्कनेट के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में इस हफ्ते अग्रवाल ने बताया, ‘किसान लगातार आलू की फसल पहुंचा रहे हैं।’ एक कोल्ड स्टोरेज मालिक ने कहा कि कीमतें पिछले वर्षों के मुकाबले अधिक हैं। इसलिए बहुत से किसान उपज को अपने पास रखने को इच्छुक नहीं हैं। कोल्ज स्टोरेज मालिक भारी मात्रा में भंडारण कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में आलू के दाम 12 से 13 रुपए किलो के बीच हैं। इस महीने मध्य प्रदेश में आलू के थोक दाम 10-12 फीसदी बढ़ गए हैं। इस हफ्ते वहां आलू की कीमत 10 रुपए प्रति किलो चल रही है, जो महीने की शुरुआत में 9 रुपए प्रति किलो थी।

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