मथुरा: संपूर्ण ब्रजमंडल में आपको भगवान कृष्ण की लीलाएं देखने को मिलेंगीं. कहीं कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाया तो कहीं कुंड के माध्यम से उन्होंने अपनी लीला को बृजवासियों को दिखाया. वहीं, गोवर्धन में एक ऐसा कुंड है. जहां श्री कृष्ण ने अपनी लीलाओं को किया. यह कुंड परिक्रमा मार्ग में पड़ता है. इस कुंड की अपनी अलग मान्यता है.
राधा की सखी कुसुमा से है संबंधित
मथुरा से करीब 30 किलोमीटर दूर गोवर्धन धाम है. यहां भगवान श्री कृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र का मान मर्दन किया था. वहीं, 21 किलोमीटर की यह परिक्रमा के नाम से विख्यात हुआ. इस पर्वत का अपना एक अलग ही महत्व है. इस पर्वत की परिक्रमा में पडने वाले मंदिर कुंड अपनी अलग मान्यता रखते हैं. यहां बड़ी परिक्रमा में मौजूद कुसुम सरोवर है. यह सरोवर राधा कुंड से चंद किलोमीटर दूर स्थित है.
कुसुम सरोवर नाम से है मशहूर
यहां भगवान कृष्ण और राधा की एक लीला का गुणगान आपको देखने और सुनने को मिलेगा. आइये जानते हैं. भगवान कृष्ण की वह कौन सी लीला थी. जहां कुसुम सरोवर पर राधा रानी और उनकी सहेली कुसुमा के नाम पर इस कुंड का नाम कुसुम सरोवर रखा गया. कुसुम वन सरोवर के नामकरण के संबंध में ऐसी परंपरा है कि भगवान श्री कृष्ण यहां से राधाजी के श्रृंगार के लिये पुष्प (कुसुम) एकत्र कर मालाएं गुधा करते थे.
इसे राधा की सखी कुसुमा से भी संबंधित बताया जाता है. कुसुम सरोवर के प्राचीन कुंड को ओरछा नरेश वीर सिंह जू देव ने संवत् 1675 में इसे पक्का बनवाया था. वहीं, 1763 ई. में भरतपुर के राजा सूरजमल की मृत्यु के पश्चात उनके पुत्र जवाहर सिंह ने जीर्णोद्धार कराया था.
तालाब के किनारे बना है चबूतरा
सन् 1763 ई. में भरतपुर के राजा सूरजमल की मृत्यु के पश्चात उनके पुत्र जवाहर सिंह ने इस तालाब का नये सिरे से जीर्णोद्धार कराते हुये इसे भव्य एवं कलात्मक स्वरूप प्रदान किया तथा सरोवर के किनारे एक ऊंचे चबूतरे का निर्माण कराया. वह अपने पिता राजा सूरजमल की याद में भव्य छतरी का निर्माण कराए. इस तालाब का आकार 450 फीट वर्गाकार है. इसमें चारो ओर सोपान निर्मित किये गये हैं.
इसके तट पर स्थित छतरियों का संयोजन किया गया है. रात्रि के समय प्रकाश होने पर तालाब के साथ ये छतरियां अनुपम की छटा बिखेरती हैं. यहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस सरोवर के दर्शन के लिए आते हैं. यहां राधा रानी के नाम का स्मरण करते हुए भक्त आपको दिखाई देंगे.
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FIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 08:44 IST