मुंबई समाचार : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आठ अन्य नेता आज दोपहर 1 बजे एमएलसी विधान परिषद की सदस्यता की शपथ लेंगे। इसके बाद बीते कई महीनों से चला आ रहा संवैधानिक संकट भी समाप्त हो जाएगा बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और विपक्षी दलों के आठ अन्य प्रत्याशियों को वीरवार को राज्य विधान परिषद के लिये निर्विरोध सदस्य घोषित किया गया था ये सभी उम्मीदवार 24 अप्रैल से खाली पड़ी विधान सभा परिषद की नौ सीटों के लिये मैदान में थे। गौरतलब है कि इन नौ सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से ही खाली हुई सीटों को भरने के लिये चार मई को प्रकिया शुरु हुई थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी गयी थी । राज्यपाल श्री बीएस कोश्यारी ने हाल ही में चुनाव आयोग को पत्र लिख विधान परिषद के चुनाव करवाने का अनुरोध किया था। जिससे उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के छह माह के भीतर ही विधायिका में निर्वाचित होने के संवैधानिक प्रावधान को पूरा कर सकें।
मुख्यमंत्री उद्धव के साथ ही भारतीय जनता पार्टी की ओर से रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पडलकर, प्रवीण दाटके एवं रमेश कराड, शिवसेना की नीलम गोरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस के शशिकांत शिंदे एवं अमोल मिटकरी तथा कांग्रेस के राजेश राठौड़ भी विधान परिषद के लिए निर्वाचित घोषित किये गये थे। बता दें कि उद्धव ठाकरे पहली बार किसी सदन के सदस्य बने हैं। पिछले विधान सभा चुनाव में उनके पुत्र आदित्य ठाकरे मुंबई की वरली विधानसभा सीट से चुनाव जीत ठाकरे परिवार से सदन में पहुंचने वाले पहले सदस्य बने थे। विधान परिषद चुनावों को लेकर भाजपा में आपसी कलह भी नजर आयी जिसे देखते हुए उद्धव ठाकरे को भी एक बार चुनाव न लड़ने की धमकी देनी पड़ी थी। दरअसल कांग्रेस द्वारा दो उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद चुनाव की नौबत आयी थी। जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे ने खुद चुनाव न लड़ने का प्रस्ताव रखा। इसके पश्चात कांग्रेस को अपना एक उम्मीदवार वापस लेना पड़ा। इसी तरह भारतीय जनता पार्टी में भी अपने वरिष्ठ नेताओं को नजरंदाज कर अन्य दलों से आये नये लोगों को टिकट देने से उपजी नाराजगी सतह पर दिखने लगी।