प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री ने इस निर्वाचन क्षेत्र में एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करते हुए नक्सली हिंसा की भयावहता को बताया और आरोप लगाया कि भाकपा माले के उम्मीदवार की जीत से फिर से यहां घोर वामपंथी गुरिल्लाओं और भूमि मालिकों के निजी मिलिशिया के बीच खूनी लड़ाई शुरू हो सकती है।
मध्य बिहार के अधिकांश हिस्सों में पकड़ रखने वाली भाकपा माले के राजा राम कुशवाहा को अपनी पार्टी के कैडर पर भरोसा होने के साथ अपने वरिष्ठ सहयोगी राजद का भी ठोस समर्थन प्राप्त है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने काराकाट में सूपड़ा साफ किया था, जिसमें आरजेडी ने पांच विधानसभा सीट और भाकपा ने एक सीट जीती थी।
काराकाट जहां लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के तहत एक जून को मतदान होगा, महागठबंधन अल्पसंख्यक मतों के विभाजन को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। ओवैसी की पार्टी के चुनाव मैदान में आ जाने से यहां अल्पसंख्यक मतों के विभाजन की संभावना उत्पन्न हुई है।