नई दिल्ली
लगातार दो दिनों तक रूठने-मनाने के हाई वोल्टेड ड्रामे और नाराजगी के बाद आखिर बुधवार की सुबह नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के सांसद उदित राज ने कांग्रेस का हाथ थाम ही लिया। बुधवार की सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद उनकी कांग्रेस में औपचारिक आमद पर मुहर लगी और दोपहर को उन्होंने कांग्रेस हेडक्वॉर्टर में बाकायदा कांग्रेस जॉइन की। दिल्ली से अपना टिकट काटे जाने से बीजेपी से नाराज उदित राज ने यह कदम उठाया। दरअसल, बीजेपी ने उनकी सीट से मशहूर सूफी गायक हंसराज हंस को टिकट दे दिया। जॉइनिंग के मौके मीडिया से बातचीत में उदित ने बीजेपी को दलित विरोधी करार दिया। उनकी पीड़ा थी कि पार्टी ने उन्हें अपने फैसले के बारे में पहले से जानकारी नहीं दी। साथ ही, उनका कहना था कि वह 2014 में ही कांग्रेस में आना चाहते थे। चर्चा यह भी है कि यूपी से उन्हें कांग्रेस का टिकट मिल सकता है।
अपने टिकट काटे जाने के पीछे उनकी दलील थी कि उन्होंने दलितों के हक के लिए जो आवाज उठाई, उसकी उन्हें सजा मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने 2 अप्रैल 2018 को दलित संगठन द्वारा दलितों से जुड़े कानून कमजोर करने वाले मोदी सरकार के कदम के विरोध में बुलाए भारत बंद का समर्थन किया, जिसके चलते उनका टिकट कटा।
उदित राज का कहना था कि अगर वह ऐसा न करने की बजाय चुप रहते तो उनका टिकट नहीं काटा जाता। उन्होंने कहा कि बीजेपी चुप रहने वाले दलित नेताओं को पसंद करती है और रामनाथ कोविंद को इसी का इनाम मिला है। राष्ट्रपति कोविंद के बारे में उनका कहना था कि 20 मई 2014 को रामनाथ कोविंद अपना बायोडाटा लेकर उनके पास आए और उन्होंने उनसे अपने लिए कुछ कराने की बात कही। राज का कहना था कि कोविंद बीजेपी से टिकट चाह रहे थे। लेकिन बीजेपी ने रामनाथ कोविंद को 2014 में टिकट के लायक भी नहीं समझा था। हालांकि वह चुप रहे, जिसका इनाम उन्हें इस रूप में मिल गया। उन्होंने कहा कि अगर मैं भी चुप रहता तो शायद मुझे भी कभी पीएम बना देते, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया और दलितों के मुद्दे पर आवाज उठाता रहा। इसीलिए मेरा टिकट काटा गया। उदितराज का कहना था कि हालांकि बीजेपी के इंटरनल सर्वे में नॉर्थ-वेस्ट सीट पर जीत की संभावना बताई गई थी। राज ने दावा किया कि वह कांग्रेस में टिकट के लिए नहीं आए, बल्कि दलितों की आवाज बुलंद करने आए हैं। उनका कहना था कि राहुल गांधी से मिलकर उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए, वह सिर्फ प्रचार करेंगे।