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Sunday, March 23, 2025

वजन कम करना है तो दाल खाएं, किन लोगों को इसे खाने से बचना चाहिए, जानिए दाल खाने का सही तरीका

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Explainer- दाल खाने से बहुत फायदा होता है. लगभग हर भारतीय घर में दाल रोज बनाई जाती है. हर दाल की अपनी अलग खासियत है और इससे पेट लंबे समय पर भरा हुआ भी महसूस होता है. लेकिन अगर इसे ज्यादा मात्रा में खाया जाए तो …और पढ़ें

दालें 11 तरह की होती हैं (Image-Canva)

भारत में दाल और चावल लगभग हर व्यक्ति के फेवरेट हैं. सुबह हो या शाम, घर में कभी अरहर की दाल तो कभी मसूर या कभी मूंग दाल बन रही होती है. शाकाहारी लोगों के लिए तो यह प्रोटीन लेने का सबसे अच्छा जरिया है. दालों में सेहत का खजाना छुपा है. लेकिन कुछ लोगों को दाल खाने से मना भी किया जाता है. आज 10 फरवरी है और यह दिन  World Pulses Day के तौर पर मनाया जाता है.

जल्दी पचती है दाल
डायटीशियन मधु गुप्ता कहती हैं कि दाल को रोटी या चावल के साथ खाया जाए या सूप के तौर पर, यह सेहत को फायदा देती है. इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है इसलिए इसे खाने के बाद पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है. जिन लोगों को वजन कम करना है, उन्हें दाल जरूर खानी चाहिए. यह जल्दी से पच जाती है. दाल खाने के बाद थकान भी दूर हो जाती है. हर रोज एक कटोरी दाल खाना सही रहता है. लेकिन इसकी मात्रा वजन के हिसाब से होनी चाहिए. यानी व्यक्ति को 1 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो के हिसाब से हर दिन दाल खानी चाहिए. लेकिन इन्हें केवल दिन में खाएं.

  हजारों साल से पक रही है दाल
दाल को पकाने का सिलसिला 40 हजार साल पुराना है लेकिन पहले जंगली दालों को पकाया जाता था. दाल की खेती के सबूत पंजाब के रावी नदी के किनारे सबसे पहले मिले. वहीं, प्राचीन मिस्र के पिरामिडों में भी दाल रखने के सबूत मिले. पाषाण युग में स्विट्जरलैंड के गांव में मटर को सुखाकर दाल बनाने के सबूत मिले. वहीं सोयाबीन को 5 हजार साल पहले चीन में बनाया गया. 

दाल को हमेशा दिन के समय खाना चाहिए (Image-Canva)

अरहर की दाल है खास
भारत में सबसे ज्यादा अरहर की दाल बनती है. इस दाल में पोटेशियम, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन बी होता है. यह दाल सबसे जल्दी भी बनती है. इसे दालों की रानी कहते हैं. इसे खाने से वजन तेजी से कम होता है. जिन लोगों को चोट लगी हो और जख्म ठीक नहीं हो रहा हो तो ऐसे लोगों को अरहर की दाल खाने की सलाह दी जाती है.

खून की कमी करे दूर
मसूर दो रंगों में आती है. एक काले छिलके में और बिना छिलके के. यह लाल रंग की होती है जो फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती है. जिन लोगों को पाचन से जुड़ी समस्या होती है, वह इस दाल को खा सकते हैं. इस दाल को खाने से गट हेल्थ अच्छी रहती है, वहीं जो लोग एनीमिया के शिकार हैं यानी खून की कमी से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह दाल फायदेमंद है.

उड़द की दाल से चमके चेहरा
उड़द की दाल स्किन के लिए अच्छी होती है. इसे खाने से त्वचा चमक उठती है. इससे डायबिटीज भी कंट्रोल रहती है. इस दाल से याददाश्त तेज होती है, वहीं हड्डियां भी मजबूत होती हैं. जिन लोगों को नसों से जुड़ी समस्या है, वह भी इस दाल से ठीक होती है. लेकिन जिन लोगों को गैस या ब्लोटिंग रहती है, उन्हें इस दाल से बचना चाहिए.

मूंग की दाल नहीं है मरीजों का खाना
अक्सर व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो उसे मूंग की दाल खाने को दी जाती है. मूंग की दाल मरीजों का खाना नहीं, बल्कि पावर हाउस है. इसे खाते ही व्यक्ति को ताकत महसूस होती है. मूंग दाल खराब पेट को दुरुस्त रखती है क्योंकि यह हल्की दाल होती है. इसमें फाइबर, आयरन और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है. जिन लोगों के कोलेस्ट्रोल का लेवल ज्यादा है, मोटापे का शिकार है या दिल की बीमारी है तो उन्हें यह दाल खानी चाहिए. यह दाल प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है.

चने की दाल दे एनर्जी
चने की दाल बच्चों और बड़ों सबको खानी चाहिए. इससे शरीर से खून की कमी दूर होती है और एनर्जी बनी रहती है. यह दिल की बीमारी और डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए फायदेमंद है. जिन लोगों को एनीमिया या पीलिया हो तो डॉक्टर इसे खाने की सलाह देते हैं.

दाल को भिगोकर रखने से वह जल्दी बनती है (Image-Canva)

ग्लूटन फ्री डाइट वालों के लिए सौगात
कुछ लोगों को ग्लूटन से एलर्जी होती है. वह रोटी या बाकी अनाज खाने से बचते हैं क्योंकि इससे उनका पाचन खराब हो जाता है. लेकिन दाल खाने से ऐसा नहीं होता. दाल में ग्लूटन नहीं है. इसलिए जिन लोगों को ग्लूटन फ्री डाइट खाने की सलाह दी जाती है, वह अपनी डाइट में दालों को बेफिक्र होकर शामिल कर सकते हैं. 

दाल से बनती है कई तरह की डिश
अमेरिका की नॉर्थ डकोटा स्टेट यूनिवर्सिटी के अनुसार हफ्ते में डेढ़ कप दाल होनी जरूरी है. इससे 2 हजार कैलोरी मिलती है. एक कप दाल एक कप सब्जी के बराबर है. दाल को कई तरह के खाया जाता है. इसे रोटी या चावल की जगह सलाद बनाकर, पराठा या चीला या सूप के तौर पर और ब्रेड स्प्रेड की तरह भी खाया जा सकता है. 

दाल खाने से पहले ध्यान दें
जिन लोगों को यूरिक एसिड की समस्या है, उन्हें दाल खाने से बचना चाहिए. वहीं अगर आप अंडा, मीट, सोयाबीन जैसे दूसरे प्रोटीन का सेवन कर रहे हैं तो उस दिन दाल नहीं खानी चाहिए. कुछ लोगों को दाल खाने के बाद गैस, ब्लोटिंग और अपच की समस्या होती है. ऐसे लोगों को दाल से एलर्जी हो सकती है. उन्हें इसे खाने से बचना चाहिए. 

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वजन कम करना है तो दाल खाएं, किन लोगों को इसे खाने से बचना चाहिए



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