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Sunday, March 23, 2025

हिमालय का सबसे जहरीला पौधा…नाम से ही कांपते हैं बच्चे, महिलाएं बनाकर खाती हैं इसका साग!

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Agency:News18 Himachal Pradesh

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Bichhoo Booti ka Saag: बिच्छू बूटी का नाम सुनते ही बच्चों के मन में डर का ख्याल जाग उठता है. अमूमन पहाड़ों और ग्रामीण क्षेत्रों में बिच्छूबूटी से अधिकतर बच्चों की पिटाई भी हुई होगी. यूं तो बिच्छू बूटी को छूने म…और पढ़ें

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बिच्छूबूटी का नाम सुनकर बच्चों को लगता है डर, लेकिन यहां बनाया जाता है साग

हाइलाइट्स

  • बिच्छूबूटी का साग हिमाचल में पारंपरिक रूप से बनाया जाता है.
  • बिच्छूबूटी साग सेहत के लिए फायदेमंद होता है.
  • सर्दियों में बिच्छूबूटी साग शरीर को गर्म रखता है.

पंकज सिंगटा/शिमला: बिच्छूबूटी का नाम सुनते ही अधिकतर बच्चों को डर लगने लगता है. यह ऐसा पौधा है, जिसे छूते ही त्वचा पर जलन और खुजली होने लगती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश में इसी बिच्छूबूटी का स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक साग बनाया जाता है? खासतौर पर सिरमौर क्षेत्र में यह साग पारंपरिक रूप से तैयार किया जाता है, जो सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है.

बिच्छूबूटी को छूने में क्यों होती है जलन?
बिच्छूबूटी को हिमाचल में “कुकुंवा” कहा जाता है. यह जंगली पौधा अपने नुकीले रेशों में मौजूद प्राकृतिक रसायनों के कारण त्वचा पर जलन पैदा करता है. पहाड़ी इलाकों में कई बच्चों ने बचपन में गलती से इसे छू लिया होगा और तुरंत जलन महसूस की होगी. लेकिन सावधानीपूर्वक इस पौधे को तोड़कर इसे स्वादिष्ट साग में बदला जा सकता है.

कैसे तैयार किया जाता है बिच्छूबूटी का साग?
. सावधानी से तोड़ना: बिच्छूबूटी के पत्तों को तोड़ते समय दस्ताने या चिमटे का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि त्वचा को नुकसान न पहुंचे.
. अच्छी तरह से धोना: पत्तों को तोड़ने के बाद इन्हें साफ पानी से धोया जाता है.
. उबालना: इसके पत्तों को प्रेशर कुकर या खुले बर्तन में उबाला जाता है ताकि इसकी जलन खत्म हो जाए.
. पीसकर पेस्ट बनाना: उबले हुए पत्तों को मिक्सी या सिलबट्टे पर पीसकर पेस्ट बना लिया जाता है.
. तड़का लगाना: इस पेस्ट में सरसों या देसी घी का तड़का लगाया जाता है और स्वाद बढ़ाने के लिए बेसन या चावल का आटा मिलाया जाता है.

मक्की की रोटी के साथ बिच्छूबूटी साग का स्वाद दोगुना!
बिच्छूबूटी का साग मक्की की रोटी, घी और पट्टांडें के साथ खाने में बेहद स्वादिष्ट लगता है. खासतौर पर सर्दियों में इस साग को खाना शरीर को गर्म रखने में मदद करता है, इसलिए पहाड़ों में सर्दियों के मौसम में लगभग हर घर में इसे बनाया जाता है.

बिच्छूबूटी साग के फायदे
. शरीर को गरम रखता है और ठंड से बचाता है.
. पाचन तंत्र को मजबूत करता है.
. विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है.
. इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है

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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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