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Saturday, March 22, 2025

केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा से बच्चे की मौत, ऐसे ब्रेन तक पहुंच सकता है जानलेवा इंफेक्शन

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Brain-Eating Amoeba News: केरल में एक 14 साल के लड़के की तालाब में नहाने से मौत हो गई. तालाब में नहाते वक्त बच्चे की नाक के जरिए ब्रेन ईटिंग अमीबा शरीर में घुस गया और ब्रेन में जाकर गंभीर इंफेक्शन पैदा कर दिया. बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी. केरल के स्वास्थ्य विभाग की मानें तो बच्चा तालाब में नहाते वक्त अमीबा के संपर्क में आया था, जिसकी वजह से उसके ब्रेन में इंफेक्शन हो गया. अब सवाल है कि ब्रेन ईटिंग अमीबा क्या होता है और कैसे यह लोगों के शरीर में घुस सकता है? चलिए इस बारे में फैक्ट जान लेते हैं.

यूएस के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रेन में खतरनाक इंफेक्शन फैलाने वाले अमीबा का नाम नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) है. यह अमीबा गर्म झीलों, नदियों और गर्म झरनों में पनपता है. इसे बोलचाल में दिमाग खाने वाला अमीबा कहा जाता है, क्योंकि यह ब्रेन में इंफेक्शन पैदा कर सकता है और ब्रेन के टिश्यूज को डैमेज कर सकता है. पानी की एक्टिविटीज के दौरान यह अमीबा नाक के जरिए शरीर में घुस सकता है. इससे ब्रेन में सूजन हो सकती है और प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) हो सकता है. यह इंफेक्शन जानलेवा होता है.

97% मामलों में हो जाती है मौत

सीडीसी के अनुसार कई बार यह अमीबा नल के पानी में भी डिटेक्ट किया गया है. इस अमीबा की वजह से ब्रेन में इंफेक्शन हो जाए, तो लोगों को सिरदर्द, बुखार, मतली और उल्टी जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं. PAM इंफेक्शन तेजी से बढ़ता है और अधिकतर लोग इंफेक्शन होने के 1 से 18 दिनों के अंदर मौत के मुंह में समा जाते हैं. ब्रेन ईटिंग अमीबा के 97 पर्सेंट मामलों में लोगों की जल्द ही मौत हो जाती है. नेगलेरिया फाउलेरी के कारण होने वाला ब्रेन इंफेक्शन आमतौर पर गर्मियों के महीनों के किसी झील, नदी या अन्य पानी में तैरने के बाद होता है. संक्रमण अक्सर तब होता है जब पानी का तापमान अधिक होता है और पानी का स्तर कम होता है.

ऐसे भी शरीर में घुस सकता है अमीबा

ब्रेन ईटिंग अमीबा के कई ऐसे केस भी सामने आए हैं, जब लोगों ने अपने साइनस को धोने या नाक साफ करने के लिए नल के पानी का उपयोग किया, जिसमें नेगलेरिया फाउलेरी अमीबा मौजूद था. कुछ लोग स्प्लैश पैड और सर्फ पार्क जैसे पानी से संक्रमित हो गए, जिसमें पर्याप्त क्लोरीन नहीं था. अमीबा युक्त पानी निगलने से आपको नेगलेरिया फाउलेरी संक्रमण नहीं हो सकता है. आप किसी अन्य व्यक्ति से संक्रमित नहीं हो सकते हैं. यह अमीबा नाक के जरिए ही ब्रेन तक पहुंचता है. इसके बाद इंफेक्शन फैला देता है और महज कुछ दिनों में व्यक्ति की मौत हो जाती है.

कैसे लगाएं इस अमीबा का पता?

CDC के अनुसार नेगलेरिया फाउलेरी इंफेक्शन का पता लैब टेस्ट से चलता है, लेकिन ये टेस्ट दुनियाभर में केवल कुछ लैब में ही उपलब्ध हैं. यह संक्रमण बहुत दुर्लभ हैं और इनका पता लगाना कठिन होता है. कई बार तो लोगों की मौत के बाद इस इंफेक्शन का पता चलता है. नेगलेरिया फाउलेरी ब्रेन के ऊतकों को नष्ट कर सकता है और ब्रेन में सूजन पैदा कर सकता है. यह संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है. ऐसे में इसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है. हालांकि इंफेक्शन का सही वक्त पर पता चल जाए, तो कुछ दवाओं के जरिए व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.

कैसे करें ब्रेन ईटिंग अमीबा से बचाव?

नेगलेरिया फाउलेरी इंफेक्शन से बचने के लिए लोगों को किसी भी झरना, नदी या झील में स्विमिंग करते वक्त नाक पर क्लिप लगा लेनी चाहिए. आप गोता लगाने के दौरान अपनी नाक को पकड़ सकते हैं. गर्म झरनों में स्विमिंग करते वक्त हमेशा अपना सिर पानी के ऊपर रखें. शैलो वॉटर में स्विमिंग बिल्कुल न करें, क्योंकि वहां अमीबा के रहने की संभावना अधिक होती है. अपनी नाक को साफ करने के लिए डिस्टिल वॉटर या उबले हुए पानी का उपयोग करें. इसके अलावा गंदे तालाब, नहर या नदी में नहीं नहाना चाहिए. खासतौर से बारिश के मौसम में ऐसा नहीं करना चाहिए.

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Tags: Health, Lifestyle, Trending news



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