दिल्ली के अपोलो अस्पताल में पूर्व आईएएस अधिकारी वीरेंद्र सिंह की मौत के मामले में आज बुधवार को अस्पताल के बाहर परिजनों ने जमकर हंगामा काटा. परिजनों का आरोप था कि सिंह के इलाज में अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर डॉक्टर ने लापरवाही बरती थी, जिसका नतीजा यह हुआ कि 23 मई को रिटायर्ड अधिकारी को जान से हाथ धोना पड़ा. जबकि इस ऑपरेशन के लिए अस्पताल ने 16 लाख का मोटा चार्ज और ऊपर के खर्च के लिए करीब 4 लाख रुपये जमा कराए थे.
पिता के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पूर्व आईएएस की बेटी निशि सिंह ने बताया, ‘कुछ दिन पहले ही मेरे पिता को हार्ट वॉल्व में लीकेज डायग्नोस हुआ था. इसके बाद हम पिताजी को कंसल्टेशन के लिए अपोलो अस्पताल के कार्डियक सर्जन डॉ. बी एन दास के पास पहुंचे. 3-4 कंसल्टेशन के बाद डॉ. ने पूरी गारंटी लेते हुए कहा कि यह छोटा सा ऑपरेशन है और ये पूरी तरह ठीक हो जाएंगे. डॉक्टर की बातों से सहमत होकर हमने सर्जरी की रजामंदी दे दी. ‘
अपोलो अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाने वाली पूर्व आईएएस अधिकारी की बेटी निशि सिंह.
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‘लेकिन 8 मई को ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने परिजनों को यह भी बताना जरूरी नहीं समझा कि ऑपरेशन सफल हुआ है या नहीं. तभी से हमें कुछ गड़बड़ लग रही थी. पिताजी न तो होश में ही थे और न ही खाना, पीना कर रहे थे लेकिन अस्पताल की ओर से 13 मई को हमें कहा गया कि अब आप इन्हें ले जा सकते हैं. जबकि इतनी बड़ी सर्जरी के बाद न तो ईको और न ही ईसीजी जैसी बेसिक जांचें की गईं, तकि यह पता चल सके कि हार्ट पूरी तरह काम कर रहा है या नहीं. जब हमने उनकी स्थिति को लेकर सवाल उठाए तो अस्पताल में उन्हें स्टेप डाउन आईसीयू में रख दिया, जबकि इसमें मरीज को तब रखा जाता है जब मरीज ठीक होकर घर जाने लायक हो जाए, जबकि मेरे पिता को पूरी तरह होश भी नहीं था.’
निशि ने आगे बताया कि, ‘कहां तो अस्पताल छुट्टी कर रहा था लेकिन सामान्य वॉर्ड में भर्ती करने के दो दिन बाद ही फिर कहा गया कि आपके पिता की हालत क्रिटिकल है और इसी सब में पिताजी 23 मई को अस्पताल में ही गुजर गए. इस 8 मई से 23 मई तक हमसे करीब 20 लाख रुपये अस्पताल ने अकाउंट में जमा करवा लिए. हमें कुछ भी समझ नहीं आया. फिर हमने पुलिस में मेडिकल नेग्लिजेंस को लेकर शिकायत भी दी. जिस पर अभी एफआईआर नहीं हुई है. इसके अलावा इस मामले को लेकर मेडिकल काउंसिल और स्वास्थ्य मंत्रालय से भी इंसाफ की मांग की है. साथ ही अस्पताल प्रबंधन से इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वहीं अगर पुलिस भी कार्रवाई नहीं करेगी तो हम कोर्ट का सहारा लेंगे.’
डीसीपी बोले, पीड़ित ने दी है शिकायत
अपोलो अस्पताल में मेडिकल लापरवाही का आरोप लगाने वाले पीड़ितों की शिकायत को लेकर डीसीपी साउथ-ईस्ट दिल्ली, सरिता विहार राजेश देव ने News18hindi को बताया कि अपोलो में पूर्व आईएएस अधिकारी की इलाज के दौरान मौत मामले परिजनों की ओर से पुलिस को शिकायत दी गई थी लेकिन उसमें अभी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. देव ने कहा कि मेडिकल नेग्लिजेंस के मामले में सीधे ही एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते, इसलिए दिल्ली पुलिस की ओर से इस मामले में मेडिकल काउंसिल को लिखा गया है. वहां से जवाब आने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी.
अपोलो ने क्या कहा?
वहीं अपोलो अस्पताल के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन और इस पूरे मामले पर अपोलो अस्पताल की ओर से मरीज के परिजनों के किसी भी प्रकार के आरोपों और मरीज के साथ गलत किए जाने से इनकार किया गया.
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FIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 17:42 IST