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Tuesday, April 16, 2024

गुजरात की चार राज्य सभा सीट के लिए 26 मार्च को चुनाव : प्रियंका गांधी को गुजरात से राज्यसभा भेजने की पेशकश

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अहमदाबाद

राजस्‍थान के बाद गुजरात कांग्रेस ने भी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को प्रदेश से राज्‍यसभा का प्रतयाशी बनाने की पेशकश पार्टी आलाकमान से की है। प्रियंका के गुजरात से राज्‍यसभा जाने से कांग्रेस को आगामी चुनावों में लाभ हो सकता है। राष्‍ट्रीय नेताओं को अपने राज्‍यों से राज्‍यसभा भेजने को लेकर अक्‍सर कई राजनीतिक दलों में होड़ रहती है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पहले ही राजस्‍थान से कांग्रेस राज्‍यसभा सदस्‍य चुने जा चुके हैं। इससे पहले गुजरात से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भाजपा के राज्‍यसभा सदस्‍य रह चुके हैं। नेता विपक्ष परेश धनाणी का कहना है कि प्रदेश इकाई ने प्रियंका गांधी को गुजरात से राज्‍यसभा प्रत्‍याशी बनाए जाने की पेशकश की है, लेकिन फैसला आलाकमान को करना है। गुजरात की चार सीट के लिए एक बार फिर भाजपा व कांग्रेस में होड़ मची है। भाजपा जहां अपनी तीसरी सीट को बचाने की कवायद में है, पार्टी अध्‍यक्ष जीतू वाघाणी तथा गृह राज्‍यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा कांग्रेस विधायकों को पाला बदलने के लिए खुला ऑफर दे रहे हैं। वहीं, कांग्रेस भी अपने विधायकों को एकजुट करने के साथ पलटवार कर रही है।

कांग्रेस विधायक ललित वसोया ने कहा है कि जाने वाले चले गए अब पार्टी में कोई बिकाऊ विधायक नहीं है। इसी बीच, एसटी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर विधानसभा से सस्‍पेंड विधायक भूपेंद्र सिंह खांट राज्‍यसभा चुनाव में भाजपा के साथ जाने पर सहमत हैं। खांट अपनी विधानसभा की सदस्‍यता बचाने व निलंबन खारिज कराने के लिए भाजपा के पाले में जाने को तैयार हैं। खांट पंचमहाल की मोरवाहडफ सीट से निर्दलीय विधायक हैं। इस संबंध में प्रदेश के भाजपा नेता से पूछे जाने पर उनका कहना था कि ऐसे मामले में पार्टी में शामिल होने वाले नेता की शर्तों को देखा जाता है। साथ ही, पार्टी की विचारधारा से वो कितना सहमत है यह भी अहम होता है।

गुजरात की चार राज्‍यसभा सीट के लिए 26 मार्च को चुनाव होने हैं। भाजपा तीन व कांग्रेस की एक सीट रिक्‍त होगी। भाजपा जहां तीनों सीट पर जीत दर्ज करने की रणनीति बना रही है, वहीं कांग्रेस अपनी एक सीट बढ़ाने की फिराक में है। विधानसभा में भाजपा की सदस्‍य संख्‍या 103 है। वहीं, कांग्रेस की 73 है। कांग्रेस के एक सीट जीतने के बाद दूसरी सीट पर जीत दर्ज करने के लिए प्रथम मतों की संख्‍या करीब 36 होती है, जबकि भाजपा के दो सीट जीतने के बाद प्रथम मतों की संख्‍या करीब 29 होती है। कांग्रेस जहां दूसरी सीट जीतने के लिए अपने विधायकों को एकजुट रखने के साथ एनसीपी, बीटीपी व निर्दलीय जिग्नेश मेवाणी से भी समर्थन की उम्‍मीद कर रही है। जिग्नेश मेवाणी भाजपा के विरोध में हैं, लेकिन राज्‍यसभा चुनाव को लेकर उनका सवाल है कि कांग्रेस को उनके समर्थन की दरकार कहां है। कांग्रेस उन्‍हें अपने साथ मानकर चल रही है, लेकिन इस संबंध में उनसे कोई चर्चा नहीं हुई है।

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