नई दिल्ली
भारतीय टीम इंग्लैंड में आयोजित हुई चैंपियंस ट्रोफी से ही वर्ल्ड कप की तैयारियों में व्यस्त है। अब वर्ल्ड कप आ चुका है और टीम इंडिया अभी भी अपने बैटिंग ऑर्डर में नंबर 4 की पोजिशन पर उपयुक्त बल्लेबाज तलाश रही है। टीम इंडिया की 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के ओपनिंग बल्लेबाज और पूर्व मुख्य चयनकर्ता कृष्णमचारी श्रीकांत को लगता है कि इस क्रम पर टीम इंडिया में लंबे समय से चर्चा चल रही है लेकिन उनकी नजर में इस क्रम पर खेलने के लिए टीम के पास रेडिमेड बल्लेबाज तैयार है और वह हैं एमएस धोनी। मुझे नहीं लगता कि इस पोजिशन के लिए टीम इंडिया के पास इस पूर्व कप्तान (धोनी) से बेहतर कोई विकल्प है और उन्हें इस क्रम पर बल्लेबाजी के लिए अब तक क्यों नहीं भेजा जा रहा यह भी एक रहस्य है। धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में और इसके बाद आईपीएल में जिस अंदाज में बैटिंग कर रहे हैं उसके बाद तो थिंक टैंक के पास उनकी बैटिंग को लेकर कोई संदेह ही नहीं रहना चाहिए।
अक्सर यह कह दिया जाता है कि धोनी अब मैदान पर आते ही पावर हीटिंग नहीं करते, जो उनके खिलाफ जाती है। लेकिन 50 ओवर की क्रिकेट में खिलाड़ी के पास अपनी इनिंग को गति देने का प्रर्याप्त समय होता है। वनडे क्रिकेट में जिस शानदार दृष्टिकोण के साथ धोनी बल्लेबाजी कर सकते हैं वैसी फिलहाल कोई और दूसरा बल्लेबाज नहीं कर सकता। जब एक बार धोनी के इंजन के क्रैंक रफ्तार पकड़ लेते हैं, तो फिर उनके खिलाफ बोलिंग करना सबसे मुश्किल होता है। सावधानी के साथ आक्रामकता को बनाए रखना उनकी सबसे बड़ी ताकत है खासतौर से तब जब उनकी टीम किसी लक्ष्य का पीछा कर रही होती है।
इस पूर्व चयनकर्ता ने यह माना कि इस समय धोनी का स्ट्राइक रेट पहले से कुछ नीचे गिरा है, लेकिन यह सिर्फ इसलिए ही गिरा है क्योंकि वह स्थिति को अपने हाथ में रखने का प्रयास करते हैं। पिछले पांच-छह सालों में उनके खेलने के ढंग में जिम्मेदारी और भी बढ़ी है। धोनी को एक बात और सबसे खास बनाती है उनका आत्मविश्वास वह जिस ढंग से मैच को अंत तक लेकर जाते हैं और जिस अंदाज में वह फिनिश करते हैं। इससे विरोधी टीमें घबराती हैं।’ उनकी विकेटकीपिंग को लेकर तो किसी के मन में कोई सवाल ही नहीं है। दिल्ली के खिलाफ उनके फुर्तीले स्टंप्स ने यह बता दिया है कि वह जरा सा मौका मिलने पर कब किस मैच का रुख अपनी टीम की ओर मोड़ सकते हैं।
बहुत कम ही ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो सिर्फ टीम के साथ रहने से ही अपनी टीम को किसी भी दबाव से उबार सकते हैं। जिन दिनों मैं खेला करता था, तब कपिल देव वह खिलाड़ी थे इसके बाद सचिन तेंडुलकर इस मुकाम पर पहुंचे और ठीक इसी तरह अब धोनी वह खिलाड़ी हैं, जो दूसरे खिलाड़ियों को सिर्फ वहां मौजूद रहने भर से प्रेरित कर सकते हैं। धोनी की तारीफ करते हुए इस पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज ने आगे लिखा, ‘धोनी इस समय जिस फॉर्म में हैं इससे उनके मनोबल में बहुत इजाफा हुआ है।