बेंगलुरु
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हुए धमाकों में करीब 300 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं। इस हादसे में बेंगलुरु के दो नागरिक बाल-बाल बचे हैं। कोलंबो में शांगरी-ला होटल पर जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त ये सो रहे थे। शोर-शराबे की आवाज सुनकर ये भागे नहीं और इसलिए आतंकियों की नजर में नहीं आ सके। ज्यादातर मृतक होटल के सेकंड फ्लोर पर स्थित रेस्ट्रॉन्ट में पाए गए हैं। कोरमंगला के स्थानीय बीजेपी नेता केजे पुरुषोत्तम (45) और उनके साले नागराज रेड्डी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए।
सोमवार देर शाम कोलंबो प्रशासन ने नागराज की मृत्यु की पुष्टि कर दी। पुरुषोत्तम कोलंबो के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। प्रसन्ना रेड्डी (47) और रमेश रेड्डी (47) इस हमले के वक्त सो रहे थे। दोनों के कमरे चौथे फ्लोर पर थे, जिस वजह से इन्हें धमाके की आवाज नहीं सुनाई दी और ये घबराकर अपने कमरों से नहीं निकले। उन्होंने बताया, पूरा होटल हिल गया था, ऐसे लगा जैसे भूकंप आया हो। ईस्टर के मौके पर श्री लंका को 8 सीरियल धमाकों ने दहला दिया। इसमें अबतक 158 लोगों के मारे जाने की बात सामने आ रही है वहीं 300 के करीब लोग घायल हैं।
धमाके के बाद का मंजर कितना भयानक था इसे एक चर्च के पहले और बाद की तस्वीर से समझा जा सकता है। चर्च की यह तस्वीर इसी महीने की है। प्रसन्ना ने बताया, हमें तब तक कुछ नहीं पता चला, जब तक होटल अथॉरिटीज़ ने गायब हुए और घायल-मृतक लोगों की संख्या की पुष्टि नहीं कर ली। उन्होंने बताया, बाद में हमें पता चला कि पुरुषोत्तम और नागराज इस हमले में घायल हुए थे, जिनमें से नागराज की इलाज के दौरान मौत हो गई है।