पटना
बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया। सीबीआई ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी और एक श्मशान घाट से ‘‘हड्डियों की पोटली” बरामद हुई है। सीबीआई ने अपने हलफनामे में बड़े लोगों को बचाने के आरोप को भी गलत बताया है। दरअसल, याचिकाकर्ता निवेदिता झा ने शीर्ष अदालत में नई अर्जी दायर कर सीबीआई पर आरोप लगाया है कि जांच एजेंसी ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में 14 आरोपियों के खिलाफ जो आरोप पत्र दायर किए थे, उनमें बेहद हल्की धाराएं लगाई गई हैं।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि सीबीआई ने बालिका गृह आने वाले लोगों की जांच नहीं की, जबकि सीबीआई ने कहा कि कुछ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं और वह पूरक आरोप पत्र भी दाखिल करेगी।न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख मुकरर्र की है। न्यायालय ने कहा कि सीबीआई के हलफनामे पर याचिकाकर्ता जवाब दाखिल कर सकते हैं।
याचिकाकर्ता के अनुसार, बिहार पुलिस द्वारा मामले की सही से जांच न करने के कारण ही जांच सीबीआई को हस्तांतरित की गई थी लेकिन अब सीबीआई भी कुछ वैसा ही रवैया जांच के प्रति अपना रही है इसलिए मामले में न्यायालय को दखल देना चाहिए। गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न करने का मामला सामने आया था। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ था। इस मामले ने राज्य के साथ-साथ पूरे देश में हलचल मचा दी थी।