प्रयागराज. हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र में भगदड़ की घटना के बाद सुर्खियों में आए सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की मुसीबत बढ़ने वाली है. भोले बाबा को लेकर साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने बड़ा फैसला लिया है. भोले बाबा को जल्द ही फर्जी संत घोषित किया जाएगा. लोगों से भोले बाबा जैसे फर्जी संतों से आगाह रहने की अपील की जाएगी.
भोले बाबा कोई संत नहीं
गौरतलब है कि अखाड़ा परिषद पहले भी आसाराम बापू समेत कई कथावाचकों को फर्जी संत घोषित कर चुका है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने न्यूज़ 18 चैनल से फोन पर हुई बातचीत में दावा किया है कि भोले बाबा कोई संत नहीं है. वह खुद के ब्रह्मा और विष्णु के अवतार होने का दावा करता है. महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक हम सब मनुष्य हैं भगवान नहीं है. हम सब भगवान के अनुयायी हैं. जो भी बाबा या कथा वाचक खुद के अवतारी होने या चमत्कार दिखाने का दावा करता है, वह सभी फर्जी संत हैं और उनका धर्म अध्यात्म से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसे लोग ही संत समाज की गरिमा को गिराते हैं और उसे धूमिल करने का काम करते हैं. महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक अखाड़ा परिषद अब खुद ही भोले बाबा जैसे पाखंडियों का पर्दाफाश करेगा और लोगों को ऐसे फर्जी बाबाओं से दूर रहने को कहेगा. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि हाथरस में भगदड़ की घटना से पूरा संत समाज दुखी और मर्माहत है. ऐसी घटनाएं दोबारा ना हो, इसके लिए कथावाचकों आयोजकों और प्रशासन को सतर्क रहना होगा.
FIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 13:26 IST