रोहतास. डिप्रेशन आज की तेज और रफ्तार भरी जिंदगी में एक आम समस्या बन चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डिप्रेशन एक वैश्विक समस्या का रूप ले चुका है, जिससे करोड़ों लोग प्रभावित हो रहे हैं. यह केवल मानसिक स्वास्थ्य की चुनौती नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता, रिश्तों, और उसकी कार्यक्षमता पर भी गहरा प्रभाव डालता है.
डिप्रेशन को अक्सर एक साधारण भावना मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन यह वास्तव में एक गंभीर मानसिक विकार है. समय पर इसकी पहचान और इलाज करना बेहद जरूरी है. आज भी, कई लोग इसे मानसिक कमजोरी समझते हैं और इस कारण मदद लेने से हिचकिचाते हैं. जबकि डिप्रेशन हर उम्र, वर्ग और पेशे के लोगों को प्रभावित कर सकता है, इसके प्रति समाज में जागरूकता की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
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समय रहते इलाज कराएं
मानसिक स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के बावजूद, डिप्रेशन को लेकर समाज में कई गलतफहमियां हैं. इसके शिकार लोग सहानुभूति, जानकारी और समर्थन की आवश्यकता महसूस करते हैं. समाज को यह समझना होगा कि डिप्रेशन एक गंभीर बीमारी है, जिसे सही समय पर उपचार और देखभाल के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, डिप्रेशन के प्रति जागरूकता फैलाना और सही समय पर इसका इलाज कराना आवश्यक है. थेरेपी, काउंसलिंग और सामुदायिक समर्थन के जरिए इससे निपटा जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 17:16 IST
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