नई दिल्ली. जिसका डर था वही हुआ. अफगानिस्तान-न्यूजीलैंड टेस्ट बिना एक गेंद फेंके ही रद्द हो गया. यह पहला मौका है जब भारतीय जमीन पर ऐसा कोई टेस्ट मैच रद्द हुआ, जिसमें एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी. ग्रेटर नोएडा स्टेडियम में प्रस्तावित इस मैच में पहले चार दिन का खेल नहीं हो सका था. पांचवें दिन शुक्रवार को भी यही हाल रहा. अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाड़ी सुबह 8.45 पर ही मैदान पर पहुंचे, लेकिन उन्हें एक बार फिर बिना खेले ही लौटना पड़ा.
यह 90 साल के भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहला मौका है जब यहां कोई टेस्ट मैच बिना एक गेंद फेंके ही रद्द हो गया. इस बात को लेकर बीसीसीआई की आलोचना भी हो रही है. हालांकि, बीसीसीआई ने यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया कि अफगानिस्तान को मैच के लिए तीन अलग-अलग स्टेडियम (शहर) का विकल्प दिया गया था. इसके बाद अफगानिस्तान ने नोएडा चुना. लेकिन बीसीसीआई की इस सफाई में यह जवाब नहीं है कि उसने ऐसे स्टेडियम का विकल्प कैसे दे दिया जहां मैदान सुखाने के लिए सामान्य सुविधाएं भी नहीं थीं. दुनिया ने देखा कि बारिश होने के बाद स्टेडियम को टेबल फैन से सुखाने की कोशिश की गई थी.
ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम पर अब बैन लगने का खतरा मंडरा रहा है. अफगानिस्तान-न्यूजीलैंड टेस्ट में मैच रेफरी रहे जवागल श्रीनाथ अब आईसीसी को अपनी रिपोर्ट देंगे. दोनों टीमों कोच की राय भी अहम होगी. इस सबके आधार पर ही आईसीसी अपना फैसला लेगी. यह टेस्ट इतिहास में आठवां मौका है, जब किसी टेस्ट मैच में एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी और रद्द हो गया.
FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 11:13 IST