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Friday, April 19, 2024

देश के कई हिस्सों में 24 घंटे का ‘ऑरेंज अलर्ट’, आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश की आशंका

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नई दिल्ली समाचार : भीषण गर्मी की मार झेल रहे उत्तर भारत को बदलते मौसम से कुछ राहत मिली है। वीरवार को हुई बारिश के चलते दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई। इन क्षेत्रों में मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में गरज के साथ आंधी-तूफान आने और हल्की बारिश होने का अनुमान लगाया है। वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में भी ओलावृष्टि के साथ बिजली चमकने का अनुमान जताया है, जिसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वानुमान लगाया है कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के मैदानी इलाकों में गर्मी शुक्रवार से और कम होगी। राष्ट्रीय राजधानी में बादल छाए रहने और छिटपुट बारिश से गर्मी से कुछ राहत मिली। वीरवार को यहां का पारा कई डिग्री नीचे गिरा और शाम के समय शहर में तेज हवाएं चलीं और कई इलाकों में हल्की बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि निचले स्तर पर ताजा पश्चिमी विक्षोभ और पुरवैया हवाएं चलने के कारण मौसम में बदलाव हुआ। 29-30 मई को दिल्ली-एनसीआर में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ धूल भरी आंधी और गरज के साथ तूफान आने की आशंका है।

राजस्थान के कुछ हिस्सों में लू के साथ भीषण गर्मी का प्रकोप वीरवार को भी जारी रहा। चूरू और श्रीगंगानगर सबसे अधिक तापमान के साथ सबसे गर्म रहे। मौसम विभाग के अनुसार चूरू व श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 46.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, नागौर, जयपुर, जोधपुर, अलवर, भरतपुर, सीकर, दौसा और झुंझुनूं जिलों में कहीं कहीं धूलभरी आंधी के साथ 50-60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाओं के चलने की संभावना जताई है। हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने और तेज हवा चलने से लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली और कई स्थानों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने कहा कि दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में हल्की बारिश होने से अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य सीमा से कुछ कम रहा।

विज्ञान विभाग ने वीरवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात की स्थिति बनने की वजह से दक्षिण पश्चिम मानसून केरल में एक जून को दस्तक दे सकता है। विभाग ने 15 मई को जारी अपने पूर्वानुमान में कहा था कि मानसून पांच जून को दक्षिणी राज्य में आ सकता है। यह मानसून की सामान्य तिथि से चार दिन बाद की तारीख है। केरल में आमतौर पर एक जून को मानसून दस्तक दे देता है। बहरहाल, बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात की स्थिति बनने के कारण मानसून की प्रगति में मदद मिलने की संभावना है।

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